जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी ज्योतिशाह नरवरिया ने बताया कि टीमें बनाकर गेहूं में आई नमी की जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट कलेक्टर को भेजेंगे। दावा है कि 6200 किसानों से गेहूं खरीदकर उन्हें 55 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। यह गेहूं सायलों केंद्र पर रखा जा रहा है। उच्च अधिकारी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। बारिश में भीगे बोरी बंद को सुखाया जा रहा है। इसके बाद ही गेहूं का परिवहन किया जाएगा।
कमिश्नर ने मांगी रिपोर्ट
कमिश्नर कल्पना श्रीवास्तव के निर्देश पर संभाग के हर जिले में टीम बनी है। यह बारिश से हुए नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट तैयार करेगी। खरीदी केंद्रों से किसानों को लौटाया नहीं जाएगा। उनका गेहूं सुखाने के बाद वहीं खरीद लिया जाए।
जलापूर्ति प्रभावित
बिजली आपूर्ति बाधित होने से गुरुवार को भी कोलार और नर्मदा लाइन से जुड़े क्षेत्रों में जलप्रदाय प्रभावित हो सकता है। मंगलवार को भी अहमदपुर समेत कोलार के प्लांट की बिजली बंद होने से टंकियां पूरी नहीं भर पाई थी।
कंपनी दे रही नसीहत
बिजली कंपनी ने बुधवार को निर्देश जारी किए हैं कि आंधी-बारिश में बिजली बंद होते ही कॉल सेंटर नंबर 1912 को डायल न करें। कम से कम दस मिनट इंतजार करें। इसके बाद भी यदि बिजली चालू नहीं होती है तब शिकायत नंबर डायल करें।
शहर में बिजली की आंख-मिचौली
आंधी-बारिश के कारण बुधवार को भी शहर में बिजली आपूर्ति प्रभावित रही। पुराने शहर के चौक बाजार में ट्रांसफार्मर जलने से कोतवाली रोड, मारवाड़ी रोड समेत आसपास के क्षेत्रों में पूरे दिन बिजली बंद रही। मंगलवार रात चली तेज आंधी से शहर के 25 से अधिक फीडर पर असर हुआ। इससे भदभदा, नेहरू नगर, कटारा हिल्स, एमपी नगर, दस नंबर समेत बैरागढ़, करोंद शाहजहांनाबाद, छोला से जुड़े क्षेत्रों में दिनभर बिजली की आंख मिचौली जारी रही। करोंद के निवासी रमेश साहू का कहना है कि दिन में आठ बार बिजली बंद हुई। मिसरोद के राजेश पाटीदार का कहना है कि हर एक से डेढ़ घंटे में बिजली सप्लाई बंद होती रही।