सेफिया कॉलेज नाला- ये नाला ईदगाह हिल्स व आसपास के क्षेत्रों का पानी ले जाकर छोला की ओर निकालता है। सेफिया कॉलेज के यहां इसका आउटलेट बेहद संकरा है। इससे जलभराव की स्थिति बनती है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी से अभी काम शुरू कराना चाहिए।
चूनाभट्टी नाला- कलियासोत किनारे से चूनाभट्टी की कॉलोनियों से होकर शाहपुरा में मिलता है। इस पर निर्माण से ये नाली बन कर रहा गया है। इससे तेज बारिश में तमाम कॉलोनियां डूब में आती हंै।
बाणगंगा- यहां पर लोग नाले के अंदर तक झुग्गी बना रहे हैं। हर साल यहां पानी बढऩे से दिक्कत होती है।
महामाई का बाग से सुभाष नगर नाला- रेलवे लाइन से होकर सुभाष कॉलोनी, सेमरा और करोंद तक नाला कई जगह संकरा हो गया है। कई जगह धंस गया है। तेज बारिश में अशोका गार्डन, पुष्पा नगर, सेमरा, अशोका गार्डन समेत तमाम कॉलोनियों में जलभराव होता है।
मंदाकिनी कॉलोनी के भीतर से गुजर रहे नाला प्राकृतिक नहीं है, इसलिए इसे बंद कर प्राकृतिक नाले से जल निकासी की व्यवस्था करना चाहिए।
सुदाम पी खाडे, कलेक्टर- महापौर ने इन्हें नालों पर अतिक्रमण की सूची सौंपी है। कुछ बैठकों, निर्देशों तक कार्रवाई सीमित रही। सभी विभागों में समन्वय करवा कर काम शुरू कर सकते हैं।
अविनाश लवानिया, निगमायुक्त- जिम्मा इन्हीं का है। सफाई अभियान अभी से शुरू कराएं तो खुले नालों की गाद हटाई जा सकती है। जिला प्रशासन से चर्चा कर अतिक्रमण हटा सकते हैं।
संतोष गुप्ता, सिटी इंजीनियर- इनके जिम्मे सीवेज और नाला निर्माण है। ये अपनी ओर से सर्वे कर पूरा प्रस्ताव बनाकर काम करा सकते हैं।