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अगले मानसून में जलभराव के बीच कुर्सी लगाकर बैठने से अच्छा है काम शुरू करें

locationभोपालPublished: Oct 01, 2018 01:15:09 am

Submitted by:

Ram kailash napit

विशेषज्ञ और जनता बोली- मानसून में जो नाले बन रहे मुसीबत उनकी सफाई और अतिक्रमण हटाने अभी जुटेंं जिम्मेदार

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भोपाल. मानसून के दौरान शहर को बाढ़ बचाने 10 साल से जारी कागजी कामों में इस वर्ष महापौर आलोक शर्मा के नाले पर कुर्सी लगाकर बैठना और जिला प्रशासन व निगम की संयुक्त टीम के कुछ निरीक्षण और जुड़ गए। संभवत: अगले सीजन में ही ये नाले याद आएंगे। निगम व जिला प्रशासन अगर अगले साल शहर को डूबने से बचाना चाहते है तो उन्हें संबंधित एजेंसियों के साथ आज से ही काम शुरू करना होगा। गौरतलब है कि शहर में छोटे-बड़े साढ़े सात सौ नाले हैं।
अरेरा कॉलोनी में इ-1 से इ-8 तक स्लैब बनाकर नाला पाट दिया है। एमपी नगर में भी यही हाल है। 10 नंबर में नाले पर दुकान बढ़ाकर उसे बंद दिया है। ओम नगर, शिव नगर, सुभाष नगर जैसे क्षेत्रों में घर के सामने की नाली को लोगों ने बंद दिया है। इसे ओपन कर दें तो मोहल्ले का पानी आगे निकल जाएगा।

10 नंबर नाला- नए शहर के 10 नंबर, 11 नंबर, अरेरा कॉलोनी के लगभग सभी हिस्सों का पानी लेकर ये बाहर निकालता है, लेकिन 10 नंबर, 1100 क्वार्टर, ई-5 अशोका सोसाइटी में कई बड़े निर्माण इस पर बने हंै। ये कॉलोनी में जलभराव की स्थिति बनाते हैं।
सेफिया कॉलेज नाला- ये नाला ईदगाह हिल्स व आसपास के क्षेत्रों का पानी ले जाकर छोला की ओर निकालता है। सेफिया कॉलेज के यहां इसका आउटलेट बेहद संकरा है। इससे जलभराव की स्थिति बनती है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी से अभी काम शुरू कराना चाहिए।
चूनाभट्टी नाला- कलियासोत किनारे से चूनाभट्टी की कॉलोनियों से होकर शाहपुरा में मिलता है। इस पर निर्माण से ये नाली बन कर रहा गया है। इससे तेज बारिश में तमाम कॉलोनियां डूब में आती हंै।
बाणगंगा- यहां पर लोग नाले के अंदर तक झुग्गी बना रहे हैं। हर साल यहां पानी बढऩे से दिक्कत होती है।
महामाई का बाग से सुभाष नगर नाला- रेलवे लाइन से होकर सुभाष कॉलोनी, सेमरा और करोंद तक नाला कई जगह संकरा हो गया है। कई जगह धंस गया है। तेज बारिश में अशोका गार्डन, पुष्पा नगर, सेमरा, अशोका गार्डन समेत तमाम कॉलोनियों में जलभराव होता है।
मंदाकिनी कॉलोनी के भीतर से गुजर रहे नाला प्राकृतिक नहीं है, इसलिए इसे बंद कर प्राकृतिक नाले से जल निकासी की व्यवस्था करना चाहिए।

आलोक शर्मा, महापौर- सेफिया कॉलेज नाले से बाढ़ के हालात बने तो इन्होंने ही कुर्सी लगाकर अफसरों को बुलाया। यदि ये अभी इस काम को शुरू कराएं तो एक साल में काम पूरा हो जाएगा।
सुदाम पी खाडे, कलेक्टर- महापौर ने इन्हें नालों पर अतिक्रमण की सूची सौंपी है। कुछ बैठकों, निर्देशों तक कार्रवाई सीमित रही। सभी विभागों में समन्वय करवा कर काम शुरू कर सकते हैं।
अविनाश लवानिया, निगमायुक्त- जिम्मा इन्हीं का है। सफाई अभियान अभी से शुरू कराएं तो खुले नालों की गाद हटाई जा सकती है। जिला प्रशासन से चर्चा कर अतिक्रमण हटा सकते हैं।
संतोष गुप्ता, सिटी इंजीनियर- इनके जिम्मे सीवेज और नाला निर्माण है। ये अपनी ओर से सर्वे कर पूरा प्रस्ताव बनाकर काम करा सकते हैं।
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