अच्छा होने के लिए संसार के सारे आडम्बर छोडऩा होते हैं
इस मौके पर आयोजित प्रवचन में मुनि शैल सागर महाराज ने कहा कि सच्चे देवशास्त्र गुरु पर आस्था एवं विश्वास ही जीवन विकास का प्रथम सौपान है। सच्ची आस्था, श्रद्धा और विश्वास से आत्म की भक्ति उद्दारित होती है और अन्दर की भक्ति के परिणाम जागृत होते हैं। अच्छा दिखना और दिखाने के लिए बहुत से आडम्बर जुटाने पड़ते हैं, लेकिन अच्छा होने के लिए संसार के सारे आडम्बर छोडऩा होते हैं। आत्मा का आनन्द मोहि बनकर नहीं निरमोहि बनकर आता है। मोहि तन के आनन्द को आत्मा का स्वभाव मानकर स्वयं को भूल जाता है, जिसे अपनी आत्मशक्ति का परिचय नहीं होता है, वह इस संसार में हमेशा भटकता रता है।
इस मौके पर आयोजित प्रवचन में मुनि शैल सागर महाराज ने कहा कि सच्चे देवशास्त्र गुरु पर आस्था एवं विश्वास ही जीवन विकास का प्रथम सौपान है। सच्ची आस्था, श्रद्धा और विश्वास से आत्म की भक्ति उद्दारित होती है और अन्दर की भक्ति के परिणाम जागृत होते हैं। अच्छा दिखना और दिखाने के लिए बहुत से आडम्बर जुटाने पड़ते हैं, लेकिन अच्छा होने के लिए संसार के सारे आडम्बर छोडऩा होते हैं। आत्मा का आनन्द मोहि बनकर नहीं निरमोहि बनकर आता है। मोहि तन के आनन्द को आत्मा का स्वभाव मानकर स्वयं को भूल जाता है, जिसे अपनी आत्मशक्ति का परिचय नहीं होता है, वह इस संसार में हमेशा भटकता रता है।
संत भवन में लगा स्वास्थ्य परीक्षण शिविर
दिगम्बर जैन पंचायत कमेटी ट्रस्ट के तत्वावधान में संत भवन जैन मंदिर मार्ग में नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन कियाा गया, जिसमें जाने-माने चिकित्सकों द्वारा विभिन्न रोगों की जांच कर उचित परामर्श दिया साथ ही नि:शुल्क दवाईयों का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर लगभग 700 से अधिक लोगों ने अपने रजिस्ट्रेशन कराए और स्वास्थ्य परीक्षण कराया। इसमें अनेक विशेषज्ञ चिकित्सकों ने सेवा दी।
दिगम्बर जैन पंचायत कमेटी ट्रस्ट के तत्वावधान में संत भवन जैन मंदिर मार्ग में नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन कियाा गया, जिसमें जाने-माने चिकित्सकों द्वारा विभिन्न रोगों की जांच कर उचित परामर्श दिया साथ ही नि:शुल्क दवाईयों का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर लगभग 700 से अधिक लोगों ने अपने रजिस्ट्रेशन कराए और स्वास्थ्य परीक्षण कराया। इसमें अनेक विशेषज्ञ चिकित्सकों ने सेवा दी।