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51 विद्यार्थियों को देंगे 12 वीं तक फीस, 51 लोगों को कराएंगे गिरिराज परिक्रमा

locationभोपालPublished: Jan 23, 2020 01:01:22 am

Submitted by:

Bharat pandey

– भागवत कथा में विश्व राधा कृष्ण योग प्रचार समिति की पहल

51 विद्यार्थियों को देंगे 12 वीं तक फीस, 51 लोगों को कराएंगे गिरिराज परिक्रमा

51 विद्यार्थियों को देंगे 12 वीं तक फीस, 51 लोगों को कराएंगे गिरिराज परिक्रमा

भोपाल। भक्ति के साथ-साथ सेवा कार्य करना भी सबसे बड़ी भक्ति है। विश्व राधा कृष्ण योग प्रचार समिति की ओर से चल रही भागवत कथा में समिति ने इसी तरह की सार्थक पहल करते हुए सेवा कार्य का उदाहरण प्रस्तुति किया है। समिति की ओर से 51 लोगों को नि:शुल्क गिरिराज की यात्रा कराई जाएगी। इसी प्रकार 51 गरीब विद्यार्थियों को आगामी सत्र में 12 वीं तक की पढ़ाई का शुल्क दिया जाएगा।

संस्था के प्रणय शर्मा ने बताया कि कथा में बुधवार को गोवर्धन प्रसंग था, इस दौरान समिति ने निर्णय लिया कि 51 लोगों को गिरिराज यात्रा कराई जाएगी। इसके लिए यात्री 1 फरवरी को रवाना होंगे। अब तक हमारे पास 30 नाम आ गए हैं, रजिस्टेशन की प्रक्रिया चल रही है। इसी प्रकार समिति ने आगामी सत्र में 51 विद्यार्थियों के पढ़ाई के लिए भी शुल्क दिया जाएगा। इसके लिए हम स्कूलों में संपर्क करेंगे और केजी से लेकर 12 वीं क्लास तक जिस भी क्लास के बच्चे मिलेंगे, हम उनकी शुल्क का भुगतान करेंगे।

 

बच्चों को अच्छे संस्कार दे माता पिता
कथा के पांचवे दिन भागवताचार्य पं. ओमप्रकाश शास्त्री ने कहा कि बच्चों में अच्छे संस्कार देने का कर्तव्य माता पिता का होता है। माता पिता अपने बच्चों को पाश्चात्य सभ्यता की जगह भारतीय इतिहास और धार्मिक ग्रंथों के बारे में बताएं । जिससे बच्चों में ना सिर्फ अच्छे संस्कार आएंगे, बल्कि समाज हित और राष्ट्र हित में चिंतन कर कार्य करने की शक्ति बढ़ेगी। युवाओं को धर्म का ज्ञान और सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। समस्त धर्मों के सम्मान से राष्ट्र उन्नति की ओर बढ़ता है। भगवान की पूजन करते समय कभी भी पद का अभिमान नहीं करना चाहिए। गिरिराज पूजन के दौरान कथावाचक ओमप्रकाश शास्त्री ने प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया । इस दौरान सभी श्रोताओं को संकल्प दिलाया कि सभी अपने जन्मदिन के अवसर पर 11 पौध अवश्य लगाएं और जीवन पर्यंत उनके संरक्षण करते रहेंगे का संकल्प दिलाया। इस मौके पर गिरिराज भगवान की झांकी सजाई गई और भगवान को छप्पन भोग लगाए गए।

 

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