यज्ञ-हवन हो चुके हैं। भार्गव ने कहा कि ज्योतिषी नहीं हूं, पर कुछ न कुछ तो वजह है। विधायकों की जीवनशैली अव्यवस्थित है, उन्हें इस पर ध्यान देना चाहिए। तनाव नहीं रखना चाहिए। लेकिन, जो असमय मौत हो रही है, उसके उपाय होने चाहिए। इसके बाद वास्तु का मुद्दा खूब उठा। पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने इस पर खुलकर राय व्यक्त की। साथ ही वास्तु दोष को दूर करने की बात कही गई।
राजपूत बोले- वास्तु पर यकीन करते हैं, दोष दूर होना चाहिए…
राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मीडिया से कहा कि हम वास्तु पर यकीन करते हैं। यदि विधानसभा में वास्तुदोष है, तो इसे दूर कराया जाना चाहिए। हम ये देख रहे हैं कि विधानसभा में लगातार वर्तमान विधायकों की सामान्य या दुर्घटना में मौत हुई है। इसलिए यदि कोई दोष है, तो उसे दूर करना चाहिए।
कमलनाथ ने यह कहा-
कमलनाथ बोले- सबका समय आता है, लेकिन कभी इसे स्वीकार करने में कष्ट होता है। बनवारी लाल शर्मा हमारे इस सदन में साथी रहे। समाजसेवक थे और एक ऐसे व्यक्ति जिन्होंने अपना राजनीतिक जीवन सरपंच से शुरू किया था. सरपंच से वह जनपद में पहुंचे, सहकारिता के क्षेत्र में उनका बड़ा योगदान रहा, वह सहकारिता से जुड़े हुए थे। उन्होंने अपने क्षेत्र की हमेशा चिंता की।
गोपाल भार्गव ने यह कहा-
इस आसंदी पर पिछले वर्षों में मैंने देखा है कि जब श्रीनिवास तिवारी 10 वर्षों तक इस आसंदी पर बैठे और उसके बाद में रोहाणी, और भी हमारे अनेकों माननीयों ने इस आसंदी को सुशोभित किया. समय-समय पर इस विषय पर चर्चा होती है कि ऐसा आखिर होता क्या है और होता क्यों है ? हम यहां 230 लोग हैं और कभी-कभी इन पांच वर्षों में यह संख्या 8 से लेकर 10 तक पहुंच जाती है. हमने कई समाजशास्त्रियों और मनोवैज्ञानिकों से चर्चा की.
हमारी जिंदगी आपा-धापी और अनिश्चितता से भरी है। मैं सोचता हूं कि इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए। इसी भवन में कुछ प्रयोग भी हुए हैं. इस संबंध में कुछ लोगों की मान्यता है और कुछ लोगों की नहीं भी है. कोई इस विषय को मानता है और कोई नहीं भी मानता है. इस संबंध में कुछ अनुष्ठान भी हुए, कुछ लोगों ने उसका हास्य भी बनाया, कई लोगों ने मजाक भी बनाया और कई लोगों ने उसे माना।