बेटी-पत्नी और मां को नहीं दी दौलत
भय्यूजी महाराज ने खुद को गोली मारकर जो सुसाइट नोट लिखा था, उसमें बेटी, पत्नी और अपनी मां को कोई दौलत नहीं दी गई है। अपने एक वफादार सेवादार को उन्होंने यह पूरी संपत्ति संभालने का जिम्मा दिया है। महाराज के करीबियों की माने तो उनकी बेटी और पत्नी में इतना विवाद था कि वे आमने सामने भी नहीं आते थे। इसके बाद अब उनकी प्रापर्टी सेवादार को सौंपने के बाद अब पारिवारिक विवाद भी बढ़ना लाजिमी माना जा रहा है।
कौन है भय्यूजी महाराज
-भय्यूजी महाराज मध्य प्रदेश के शुजालपुर के जमींदार परिवार से हैं।
-अपने शुरुआती दिनों में भय्यूजी महाराज सियाराम शूटिंग शर्टिंग के लिए पोस्टर मॉडलिंग करते थे।
-बाद में उन्हें यह काम रास नहीं आया और वे गृहस्थ संत हो गए।
-हाईप्रोफाइल संत भय्यूजी महाराज अपने सामाजिक कार्यों के साथ-साथ अपनी लाइफस्टाइल के लिए भी जाने जाते थे।
-भय्यूजी महाराज की कुल संपत्ति एक हजार करोड़ रुपए के आसपास बताई जाती है।
-भय्यूजी महाराज का इंदौर में सुखलिया स्थित सर्वोदय आश्रम सहित दो घर है।
-उन्हें महंगी लग्जरी गाड़ियों और स्विस घड़ियों का बेहद शौक था।
-भय्यूजी के पास 10 से ज्यादा लग्जरी गाड़ियां थीं और सभी गाड़ियां सफेद रंग की थीं।
-वो रोलेक्स ब्रांड की घड़ी पहनते थे और आलीशान भवन में रहते थे।
– इंदौर के सुकल्या ग्राम बापट चौराहे पर सूर्योदय आश्रम है।
– इंदौर के स्कीम नंबर 74 स्थित 3 मंजिल बंगला ‘शिवनेरी’ है।ष
– इंदौर के सिल्वर स्क्रीन टाउनशिप में आलीशान बंगला
– इंदौर के स्कीम 114 में बेशकीमती प्लाट है।
– महाराष्ट्र के खामगांव में महासिद्ध पीठ ऋषि संकुल
– महाराष्ट्र के अकोला में विश्वनाथ शांति प्रसार केंद्र
– महाराष्ट्र के सोलापुर में सांगोला आश्रमशाला
– महाराष्ट्र उस्मानाबाद मुर्टा आश्रमशाला, तुलजापुर
– महाराष्ट्र के पुणे सूर्य मंदिर साधना केंद्र
– धार में सूर्योदय धरती पुत्र ज्ञान प्रबोधिनी विद्यालय
– सजनपुर में सूर्योदय पारदी समाज आदिवासी आश्रमशाला
भय्यूजी महाराज की खुदकुशी के पीछे हो सकते हैं ये पांच कारण
एसयूवी में चलने के शौकीन भय्यूजी अपनी हाईप्रोफाइल लाइफ की वजह से भी चर्चा में रहते थे. भय्यूजी महाराज का श्री सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट देशभर में है. केवल महाराष्ट्र में ही इस ट्रस्ट के 20 से ज्यादा केंद्र हैं.
भय्यूजी महाराज के नाम के साथ भले ही महाराज जुड़ा हो और इतनी संपत्ति हो, लेकिन वो धोती-कुर्ते की बजाए अक्सर ही ट्रैकसूट या पैंट शर्ट में ही नजर आते थे. कभी वो एक किसान कि तरह अपने खेतों को जोतते नजर आते थे तो कभी क्रिकेट खेलते हुए उन्हें देखा गया. घुड़सवारी और तलवारबाजी में भी वो बहुत माहिर थे.