इसके अलावा सभी सेक्टरों 12 सेक्टर मार्केट मिलाकर करीब 1500 दुकानें हंै। बताया गया कि किराया करीब तीस गुना बढ़ाकर दिया जा रहा है, जबकि भेल के मुख्य दो मार्केट को छोड़ दे तो सेक्टर मार्केट की हालत सबसे दयनीय है। इसकी मुख्य टाउनशिप के 12 हजार से अधिक आवासों में आधे से अधिक आवास खाली व खंडहर होना है। इसकी वजह से कुछ दुकानदारों ने सेक्टर मार्केट के दुकानों का उपयोग गोदाम के रूप में करना शुरू कर दिया है।
ये है बढ़े हुए किराए का गणित गांधी मार्केट पिपलानी में कपड़ा व्यापारी मदन बलानी को भेल प्रशासन ने इस माह का बिल 13080 रुपए माह के हिसाब से दिया तो वह परेशानी में आ गए। उन्होंने बताया कि पहले 1.5 रुपए प्रतिवर्ग के हिसाब से 400 रुपए का बिल हर माह आता था, लेकिन इस माह एकाएक नई किराया सूची के हिसाब से 43.6 रुपए प्रतिवर्ग फीट के हिसाब से 13080 का बिल भेजा है।
इनका कहना – आर्थिक मंदी के साथ ही भेल के मार्केट में क्वार्टर खत्म होने से व्यवसाय 75 प्रतिशत कम हो गया है। इसके बाद भी 2014 से भेल प्रशासन नई किराया सूची 30 गुना बढ़ाकर लागू करने की जुगत में था। इस मामले को लेकर दिल्ली में भेल के एमडी से लेकर भारी उद्योग मंत्री तक मामला विचारधीन है। इसके बावजूद बिना व्यापारी महासंघ से समझौता हुए नई दर से बिल भेजा दिया। व्यापारी संघ विरोध करेगा।
-मदन बालानी, महामंत्री,भेल व्यापारी महासंघ
– हमने सभी मार्केट के व्यापारियों को नई किराया सूची से बिल भेजा है। चार साल से नई किराया सूची लागू करने का मामला प्रस्तावित था। नई किराया सूची में दो केटेगिरी हैं। नई किराया सूची में बिल साइज के अनुसार दो-ढाई हजार से पांच हजार तक का है, जबकि गैर जरूरी सामानों की दुकानों का बिल दस से पंद्रह हजार तक का है।
– अनंत टोप्पो, नगर प्रशासक, भेल