नेहा चौकसे पहले भेल की भोपाल यूनिट में ही कार्यरत थी। जून महीने में वह यहां से ट्रांसफर ली थी। क्योंकि उसके पति हैदराबाद में ही किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब करते थे। ट्रांसफर के बाद जुलाई महीने में नेहा ने हैदराबाद स्थित भोपाल की यूनिट में जाकर ज्वाइन की। वह हैदराबाद के मियांपुर इलाके में अपने पति के साथ रहती थी। लेकिन बीते गुरुवार को उसने सुसाइड कर ली। उसके बाद सभी लोग हैरान थे।
सोशल मीडिया पर न्याय के लिए मुहिम
भोपाल की नेहा ने खुदकुशी के लिए भेल के अफसरों और अपने कुछ सहकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया है। नेहा की खुदकुशी के बाद उसके परिचित सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर नेहा नाम से मुहिम चला रहे हैं। नेहा की तस्वीर पर परिजनों ने कैप्शन दिया है कि आज नेहा कल किसी और की बारी है। फाइट अगेनस्ट भेल। इस पोस्टर को अभी तक सैकड़ों लोग ने शेयर किया है। और मामले की जांच की मांग कर रहे हैं।
भोपाल की नेहा ने खुदकुशी के लिए भेल के अफसरों और अपने कुछ सहकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया है। नेहा की खुदकुशी के बाद उसके परिचित सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर नेहा नाम से मुहिम चला रहे हैं। नेहा की तस्वीर पर परिजनों ने कैप्शन दिया है कि आज नेहा कल किसी और की बारी है। फाइट अगेनस्ट भेल। इस पोस्टर को अभी तक सैकड़ों लोग ने शेयर किया है। और मामले की जांच की मांग कर रहे हैं।
फोन टैप कराते थे अधिकारी
नेहा ने सुसाइड नोट में अपने सीनियर अधिकारियों पर यह आरोप लगाया है कि उसके सीनियर ऑफिसर लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। उसने यह भी आरोप लगाया है कि उसके फोन को टैफ किया जा रहा था। नेहा ने आरोप डीजीएम फाइनेंस किशोर ऑर्थर कुमार पर लगाए हैं। नेहा का आरोप था कि वह दो महीने से मुझे लगातार प्रताड़ित कर रहे थे।
नेहा ने सुसाइड नोट में अपने सीनियर अधिकारियों पर यह आरोप लगाया है कि उसके सीनियर ऑफिसर लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। उसने यह भी आरोप लगाया है कि उसके फोन को टैफ किया जा रहा था। नेहा ने आरोप डीजीएम फाइनेंस किशोर ऑर्थर कुमार पर लगाए हैं। नेहा का आरोप था कि वह दो महीने से मुझे लगातार प्रताड़ित कर रहे थे।
इनलोगों को भी ठहराया है जिम्मेदार
सुसाइड नोट में नेहा ने डीजीएम किशोर ऑर्थर के अलावा डिप्टी मैनेजर मोहनलाल सोनी, सुमलथा, डिप्टी मैनेजर गोपीराम कोरा, अल्मी नितिन, सीताराम पेंटोकोटा, सीनियर ऑफिसर चरण राज और तीरथभासी स्वेन के नाम भी लिए हैं। नेहा का आरोप था कि ये सभी अधिकारी उसे देखकर फब्तियां कसते थे। साथ ही ऑर्थर उसे मारने की साजिश रच ली थी।
सुसाइड नोट में नेहा ने डीजीएम किशोर ऑर्थर के अलावा डिप्टी मैनेजर मोहनलाल सोनी, सुमलथा, डिप्टी मैनेजर गोपीराम कोरा, अल्मी नितिन, सीताराम पेंटोकोटा, सीनियर ऑफिसर चरण राज और तीरथभासी स्वेन के नाम भी लिए हैं। नेहा का आरोप था कि ये सभी अधिकारी उसे देखकर फब्तियां कसते थे। साथ ही ऑर्थर उसे मारने की साजिश रच ली थी।
परिजन कर रहे सीबीआई जांच की मांग
नेहा के परिजनों का मानना है कि उसके साथ प्रताड़ना की कहानी भोपाल से ही शुरू हो गया था। भोपाल में भी उसके अधिकारी उसे प्रताड़ित करते थे। हैदराबाद में कुछ सीनियरों ने इसकी सीमाएं पार कर दी थी। ऐसे में स्थानयी पुलिस की जांच पर हमें यकीन नहीं है। नेहा के आरोपों पर पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए।
नेहा के परिजनों का मानना है कि उसके साथ प्रताड़ना की कहानी भोपाल से ही शुरू हो गया था। भोपाल में भी उसके अधिकारी उसे प्रताड़ित करते थे। हैदराबाद में कुछ सीनियरों ने इसकी सीमाएं पार कर दी थी। ऐसे में स्थानयी पुलिस की जांच पर हमें यकीन नहीं है। नेहा के आरोपों पर पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए।
साइबर सेल में की थी शिकायत
चार महीने पहले ही नेहा ने हैदराबाद स्थित भेल की यूनिट ज्वाइन की थी। लेकिन सीनियर अफसरों ने इतना टॉर्चर किया कि वह इसे चार महीने भी नहीं झेल पाई। घरवालों का कहना है कि फोन हैक होने की शिकायत नेहा ने साइबर सेल से की थी। साथ ही वह घरवालों को भी बात करते वक्त बताती थी कि उसका फोन टैप हो रहा है। परिवार के लोगों का यह भी कहना है कि इसमें कोई बड़ी साजिश है।
चार महीने पहले ही नेहा ने हैदराबाद स्थित भेल की यूनिट ज्वाइन की थी। लेकिन सीनियर अफसरों ने इतना टॉर्चर किया कि वह इसे चार महीने भी नहीं झेल पाई। घरवालों का कहना है कि फोन हैक होने की शिकायत नेहा ने साइबर सेल से की थी। साथ ही वह घरवालों को भी बात करते वक्त बताती थी कि उसका फोन टैप हो रहा है। परिवार के लोगों का यह भी कहना है कि इसमें कोई बड़ी साजिश है।