scriptBHEL set up a solar plant in 25 acres | solar energy : भेल ने 25 एकड़ में लगाया प्लांट, 24 हजार यूनिट बिजली बनना शुरू | Patrika News

solar energy : भेल ने 25 एकड़ में लगाया प्लांट, 24 हजार यूनिट बिजली बनना शुरू

locationभोपालPublished: Feb 09, 2023 10:00:55 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

बीएचईएल द्वारा गोंविदपुरा क्षेत्र में लगाए गए पांच मेगावॉट के सोलर प्लांट से एक जनवरी से उत्पादन शुरू हो गया है। रोजाना 22 से 24 हजार यूनिट बिजली बन रही है। इससे करीब ढाई हजार घरों की बिजली जरूरतें पूरी हो सकती है।

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solar energy Plant
भोपाल. बीएचईएल द्वारा गोंविदपुरा क्षेत्र में लगाए गए पांच मेगावॉट के सोलर प्लांट से एक जनवरी से उत्पादन शुरू हो गया है। रोजाना 22 से 24 हजार यूनिट बिजली बन रही है। इससे करीब ढाई हजार घरों की बिजली जरूरतें पूरी हो सकती हंै। शहरी प्रशासन भी भेल की तरह पहल करे तो राजधानी के घरों की छतों से रोजाना 40 लाख यूनिट बिजली बन सकती है। अभी शहर में रोजाना 60 से 70 लाख यूनिट बिजली की जरूरत है। ऐसे में बिजली की 60 फीसदी जरूरत पूरी हो जाएगी। लेकिन इसके लिए हर छत पर कम से कम दो किलोवॉट का प्लांट लगाना होगा। प्रति किलोवॉट चार यूनिट के हिसाब से आठ यूनिट बिजली बनेगी।
राजधानी में बिजली कंपनी रूफटॉप सोलर पैनल प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। इसमें केंद्र से सब्सिडी देकर पैनल लग रहे हैं। दो किलोवॉट का पैनल 50 हजार में लगता है।
विश्राम घाट के सामने लगे हैं 925 पैनल
गोंविदपुरा के सुभाष नगर विश्रामघाट के सामने भेल की 25 एकड़ खाली पड़ी जमीन पर बने सोलर प्लांट से 5 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इससे कारखाने के अलावा टाउनशिप की 40 फीसदी जरूरतें पूरी होंगी। यहां 925 पैनल लगे हैं। एक पैनल से करीब 540 वॉट बिजली बनती है। रविवार को टाउनशिप और बाकी दिन कारखाने में इस बिजली का उपयोग होगा।
छह करोड़ की सोलर एनर्जी बनेगी
भेल प्रोजेक्ट में प्रतिदिन 22 से 24 हजार यूनिट बिजली उत्पादन के अनुसार माह में करीब 72 लाख यूनिट बिजली पैदा होगी। अभी बीएचईएल करीब 8 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीदता है। सोलर प्लॉट से करीब 57 लाख 6 हजार रुपए की बिजली पैदा होगी। इस तरह सालाना 6 करोड़ रुपए से ज्यादा की सोलर बिजली बनेगी। अभी भेल मप्र बिजली वितरण कंपनी को हर साल 5 करोड़ रुपए का भुगतान करता है।
एसपीवी का निर्माण करने वाला भेल पहला संस्थान
भेल सौर फोटोवोल्टिक (एसपीवी) सेल और मॉड्यूल का निर्माण करने वाला पहला संस्थान है। यह डिजाइन, इंजीनियरिंग, मैनुफैक्चरिंग सहित सभी सौर ऊर्जा जरूरतों को पूरा करता है। भेल को जमीन, छत और पानी से लेकर अंतरिक्ष तक में सौर प्लांट लगाने का अनुभव है। यहां कैनल टॉप, फ्लोटिंग सोलर, सोलर पंप, स्पेशल ग्रेड सोलर, ग्राउंड माउंटेड और रूफ टॉप का प्रोडक्शन होता है।
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गोविंदपुरा में सोलर प्लांट से 1 जनवरी से सौर बिजली उत्पादन शुरू हो गया है। इससे भेल को सालाना करीब 6 करोड़ रुपए से ज्यादा की बचत होगी। इससे कारखाने के अलावा टाउनशिप में भी बिजली सप्लाई की जाएगी।
विनोदानंद झा, अपर महाप्रबंधक,पीआरओ भेल
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