भेल के पिपलानी क्षेत्र स्थित सारंगपाणी झील सहित यहां के पार्क आदि का विकास करने की मांग लंबे समय से की जा रही है। भेल नगर सलाहकार समिति की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया जा चुका है। समिति के सदस्य दीपक गुप्ता ने बताया कि राजधानी में बड़ा तालाब के अलावा कोई अन्य जगह नहीं है, जहां वोटिंग की जा सकें। इसमें स्थित पार्क को जनता के लिए ओपन की जाए। इसके अलावा झूले, फव्वारे लगाने के साथ ही झील में वोटिंग, कैफेटेरिया और सौंदर्यीकरण करने की मांग रखी थी, ताकि क्षेत्रवासी को इसका लाभ मिल सकें।
भेल स्वयं करेगा संचालन
बताया जाता है कि पर्यटन निगम ने झील को विकसित करने के लिए भेल प्रबंधन से चर्चा की थी। लगभग दोनों पक्षों से सहमति भी बन गई थी, लेकिन पिछले दिनों प्रबंधन ने झील का विकास करने का आश्वासन दिया गया था। इसके बाद यह बात सामने आई कि राज्य शासन का पर्यटन विकास निगम झील को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करेगा। भेल का कहना था कि भविष्य में झील और पार्क का स्वयं विकास कर वोट क्लब का संचालन भी करेगा।
फंड की कमी से टाल दी योजना
बताया जाता है कि झील के विकास के लिए लगभग 50 लाख रुपए का खर्च आएगा। यह राशि कॉरपोरेट से चाहिए। इतनी बड़ी राशि देख कॉरपोरेट ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। अफसरों का कहना है कि भेल की आर्थिक हालत खराब है। इसलिए झील के विकास की योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। पर्याप्त फंड होने पर ही इस दिशा में कार्य किया जाएगा।
सारंगपाणी झील के विकास की योजना बनाकर कॉरपोरेट प्रबंधन को प्रस्ताव भेजा गया है। मंजूरी मिलने पर ही भेल इसका विकास करेगा। फिलहाल किसी अन्य एजेंसी से यह काम नहीं कराया जाएगा। इस संबंध में कॉरपोरेट से इस संबंध में जो भी दिशा-निर्देश मिलेगा, उसका पालन किया जाएगा।
-विनोदानंद झा, प्रवक्ता, भेल