माह में कम से कम दो बार गोद लिए गए बच्चों एवं उनके परिवारों से मिलने जाना है।
न्यूट्रिशन डाइट के लिए फल एवं अन्य खाद्य पदार्थ प्रदान किए जाएं।
बच्चों की दवाइयां और उन्हें दी जा रही डाइट की जानकारी ली जाए।
बच्चों को डाइट के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाए।
गोद लिए पांच बच्चों और उनके परिवार से मिलने जाना संभव नहीं है। हमने जेपी अस्पताल को बच्चों की न्यूट्रिशन डाइट पर खर्च होने वाली पहले माह की राशि दे दी।
डॉ. आरआर कन्हेरे, कुलपति भोज मुक्त विवि
टीबी पीडि़त बच्चों को गोद लेने का मतलब केवल आर्थिक सहयोग नहीं है। उन्हें भावनात्मक संबल देना है। बच्चों और उनके परिवारों से मिलना जरूरी है।
राजेंद्र सिंह राजपूत, पीआरओ राजभवन