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भोज विवि ने अस्पताल को पैसे देकर पूरी कर ली जिम्मेदारी

locationभोपालPublished: Aug 19, 2018 12:00:12 pm

Submitted by:

Pushpam Kumar

पहल पर फेरा पानी… राज्यपाल की मंशा है टीबी से ग्रसित बच्चों को मिले भावनात्मक संबल

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भोज विवि ने अस्पताल को पैसे देकर पूरी कर ली जिम्मेदारी

भोपाल. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल प्रदेश को टीबी रोग मुक्त बनाने पीडि़त बच्चों को गोद देनेे के अभियान में जुटी हैं। इसके लिए विश्वविद्यालय, महाविद्यालय सहित तमाम संस्थाओं को प्रेरित कर रही हैं। भोज मुक्त विश्वविद्यालय ने उनकी मंशा पर पानी फेरने में लगा है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने गोद लिए पांच बच्चों की तीमारदारी करने के बजाए, उनकी डाइट का पैसा अस्पताल को देकर जिम्मेदारी पूरी कर ली। जबकि राजभवन की ओर से आदेश है कि विवि गोद लिए गए बच्चों के घर जाकर वहां उनके परिजनों से मिले। उन्हें भावनात्मक रूप से समझाएं। साथ ही उन्हें जागरूक करते हुए यह भी बताया जाए कि यह कोई बड़ी बीमारी नहीं है। सही समय पर दवाइयां और बेहतर भोजन लेने से इसे आसानी से दूर किया जा सकता है।

अस्पताल भी बच्चों को खिला रहा मूंगफली : भोज मुक्त विवि प्रशासन ने टीबी पीडि़त पांच बच्चों को गोद लिया। इन बच्चों और उनके परिवारों के बीच जाने के बजाए डाइट के लिए जेपी अस्पताल को 8 हजार रुपए प्रति माह देना शुरू कर दिया है। बच्चों को क्या डाइट देनी है, इसकी जिम्मेदारी अस्पताल पर ही छोड़ दी है। अब अस्पताल बच्चों को गुड़, मूंगफली की पट्टी व सत्तू खिला रहा है।

बच्चों को गोद लेने के बाद करना है ये काम
माह में कम से कम दो बार गोद लिए गए बच्चों एवं उनके परिवारों से मिलने जाना है।
न्यूट्रिशन डाइट के लिए फल एवं अन्य खाद्य पदार्थ प्रदान किए जाएं।
बच्चों की दवाइयां और उन्हें दी जा रही डाइट की जानकारी ली जाए।
बच्चों को डाइट के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाए।

गोद लिए पांच बच्चों और उनके परिवार से मिलने जाना संभव नहीं है। हमने जेपी अस्पताल को बच्चों की न्यूट्रिशन डाइट पर खर्च होने वाली पहले माह की राशि दे दी।
डॉ. आरआर कन्हेरे, कुलपति भोज मुक्त विवि


टीबी पीडि़त बच्चों को गोद लेने का मतलब केवल आर्थिक सहयोग नहीं है। उन्हें भावनात्मक संबल देना है। बच्चों और उनके परिवारों से मिलना जरूरी है।
राजेंद्र सिंह राजपूत, पीआरओ राजभवन

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