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गर्दन में दर्द था, दोस्त ने चटका दी नस, चंद मिनट में ही चली गई जान

locationभोपालPublished: Dec 22, 2016 01:31:00 pm

Submitted by:

Anwar Khan

गर्दन-पीठ में दर्द होने पर मालिश कराते हैं तो इसे जरूर पढि़ए। ऐसा कराना जानलेवा है। भोपाल के नजीराबाद के हरनाम की गर्दन में दर्द था, उन्होंने नीम-हकीम माधव सिंह ठाकुर उर्फ मधु सिंह को बुलाया। 

भोपाल। गर्दन-पीठ में दर्द होने पर मालिश कराते हैं तो इसे जरूर पढि़ए। ऐसा कराना जानलेवा है। भोपाल के नजीराबाद के हरनाम की गर्दन में दर्द था, उन्होंने नीम-हकीम माधव सिंह ठाकुर उर्फ मधु सिंह को बुलाया।

मालिश में मधु ने ऐसा झटका दिया कि हरनाम की गर्दन की हड्डी टूट गई। चंद मिनट तड़पने के बाद हरनाम की जिंदगी का अंत हो गया। पुलिस ने माधव सिंह के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।


नजीराबाद इलाके के किसान हरनाम अहिरवार (25) ने करीब एक साल पहले कुछ बोझ उठाया तो उसे गर्दन में तकलीफ हुई। कुछ दिन पेन किलर लेने के बाद भी राहत नहीं मिली तो उसने मित्र और नीम-हकीम माधव सिंह को बुलाया। पहले दोनों ने साथ में शराब पी, उसके बाद मधु ने हरनाम की गर्दन में मालिश शुरू की।

हरनाम को राहत मिली तो मालिश खत्म करते वक्त मधु ने गर्दन में झटका दिया। ऐसा करते ही हरनाम जमीन पर गिरा और तड़पने लगा। परिजन कुछ समझते, इससे पहले हरनाम की मौत हो गई। पुलिस ने लंबी जांच के बाद करीब बुधवार को मामला दर्ज कर लिया है।


मेजर आर्टरी दबने से मौत
मामले में डाक्टर्स ने बताया कि मालिश के बाद गर्दन चटकाने के लिए मधु सिंह ने झटका दिया, लेकिन ज्यादा ताकत लगने के कारण हरनाम की हड्डी टूट गई। नतीजे में हरनाम की मेजर आर्टरी दब गई और दिमाग में खून की सप्लाई बंद होने से मौत हो गई।


मशहूर है मधु
मधु खुद को वैद्य बताता है, लेकिन उसके पास कोई डिग्री नहीं है। बावजूद मशहूर होने के कारण उसके पास आसपास के गांवों के लोग हड्डी बैठाने, मोच ठीक कराने आते हैं। 

विशेषज्ञ का कहना
गर्दन की हड्डी शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। मालिश के दौरान झटका लगने से गर्दन की हड्डी का कोई हिस्सा डिसलोकेट होने से या मेजर आर्टरी दबने से खून का बहाव रूक जाता है। दिमाग-दिल में खून की सप्लाई बंद हो जाती है। एेसे मामलों में 10 मिनट में इलाज न मिले तो मौत तय होती है।
– डॉ. पारस जैन, विशेषज्ञ, जेपी अस्पताल


अनाड़ी से मालिश से खतरे…
– कोई नस दबने से पूरे शरीर में लकवा
– मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बंद होने से कोमा
– शरीर के किसी भी हिस्से में अपंगता संभव
– नर्वस ब्रेक डाउन होने से याददाश्ता खोना
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