मजूमदार 1994 में पुलिस विभाग में एएसपी के पद से सेवानिवृत हुए थे। मजूमदार का यह संकल्प उनके पुत्र प्रशांत मजूमदार ने पूरा किया।
भोपाल। पुलिस सेवा में रहते हुए ताउम्र मानव सेवा करने वाले 79 वर्षीय अरुण मजूमदार ने मृत्यु के बाद अपनी देह भी समाज कल्याण के लिए समर्पित कर दी। समाज को बेहतर चिकित्सक मिलें इस ध्येय के चलते श्री मजूमदार की देह बुधवार को एम्स को सौंपी गई। मजूमदार का यह संकल्प उनके पुत्र प्रशांत मजूमदार ने पूरा किया। मजूमदार 1994 में पुलिस विभाग में एएसपी के पद से सेवानिवृत हुए थे। वहीं वर्तमान में सीनियर सिटीजन फोरम में अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे।
प्रशांत मजूमदार के मुताबिक शाहपुरा निवासी मजूमदार फैफड़ों के संक्रमण से ग्रसित थे। उनकी मृत्यु बुधवार सुबह करीब 11 बजे हुई और उनकी इच्छानुसार दोपहर करीब एक बजे उनकी देह को एम्स को सौंप दिया गया। प्रशांत मजूमदार ने बताया कि उनके पिता हमेशा से ही मानव कल्याण के लिए तत्पर रहते थे। उनकी इच्छा थी की मरने के बाद उनका शरीर भी समाज के काम आ सके। इसके चलते उन्होंने देहदान का संकल्प लिया था।
पुलिस में रहते हुए भी करते थे मानव सेवा
प्रशाम मजूमदार के मुताबिक अरुण मजूमदार नौकरी के दौरान भी मानव कल्याण के लिए समय निकाल लेते थे। वे कई समाज सेवी संस्थाओं से भी जुड़े हुए थे। यही नहीं विभाग में जब भी उनके अधिनस्तों को कोई समस्या होती तो उसे दूर करने में वे ही सबसे आगे खड़े होते थे।
ऐसे कर सकते हैं देहदान
-मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल के एनोटॉमी विभागाध्यक्ष के नाम लिखित में आवेदन करना होगा।
-एनोटॉमी विभाग की ओर से दो पेज का फार्म निशुल्क दिया जाएगा
-फार्म में देहदान करने वाले व्यक्ति का नाम, पता, उत्तराधिकारी का नाम के साथ दो गवाहों का उल्लेख होता है।
-फार्म जमा होने के बाद रजिस्ट्रेशन कार्ड दिया जाएगा, जिस देहदान करने वाले की सारी जानकारी होती है।
-मृत्यु के बाद परिजनों द्वारा इसकी जानकारी संबंधित मेडिकल कॉलेज को दी जाती है।
ये अंग भी किए जा सकते हैं दान
किडनी, हार्ट, लीवर, लंग्स, पैंक्रियाज, कॉर्निया और स्मॉल बाउल (छोटी आंत) का प्रत्यारोपण किया जा सकता है। ऊतकों में हृदय के वॉल्व, हड्डियों और त्वचा को दान किया जा सकता है
इन्होंने भी किया देहदान