बंकर तैयार, प्रस्ताव मुंबई भेजा: इधर, रेडियोथैरेपी यूनिट के लिए जरूरी बंकर तैयार हो चुके हैं और मंजूरी के लिए एम्स प्रबंधन ने एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड को पत्र लिखा है। एम्स में यह सुविधा मुफ्त मिलेगी। जबकि, बाजार में इस सुविधा के लिए दो लाख रुपए तक खर्च करने होते हैं।
15 करोड़ की मशीनें
बंकर को अनुमति मिलते ही यहां 15 करोड़ का लीनियर एक्सीलरेटर लगाया जाएगा। अभी शहर के किसी भी सरकारी अस्पताल में इस मशीन का उपयोग नहीं होता है। हमीदिया में रेडियोथैरेपी के लिए कोबॉल्ट मशीन का उपयोग किया जाता है, जो करीब 35 साल पुरानी है। लीनियर एक्सेलरेटर रेडियोथैरेपी देने की अत्याधुनिक तकनीक है।
इसमें सिर्फ कैंसर वाली कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है, साधारण कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं होता। इसके अलावा सिकाई के लिए ब्रेकी थैरेपी मशीन भी आ चुकी। इससे मरीज को काफी नजदीक से रेडियोथैरेपी दी जाती है।
कार्निया ट्रांसप्लांट भी जल्द
एम्स में जल्द ही ट्रांसप्लांट भी शुरू किया जाएगा। हालांकि, इसकी शुरुआत कॉर्निया ट्रांसप्लांट से की जाएगी। इसके बाद ऑर्गन ट्रांसप्लांट भी शुरू होगा। एम्स प्रबंधन के मुताबिक मोतियाबिंद के ऑपरेशन अगले महीने से शुरू हो जाएंगे। कुछ उपकरणों की जरूरत है जो आने वाले हैं।
* एम्स में कई विभाग शुरू हो चुके हैं। नए विभागों के लिए काम चल रहा है। दो माह में कई नई सुविधाओं को मरीजों के लिए शुरू कर दिया जाएगा।
-डॉ. नितिन एम. नागरकर, निदेशक एम्स