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कमजोर पृष्ठभूमि के बच्चे कबड्डी में कर रहे कमाल

locationभोपालPublished: Oct 07, 2018 08:54:23 am

अच्छी डाइट मिले तो कमाल करें भोपाल के कबड्डी प्लेयर्स प्रदेश में एक भी कबड्डी एकेडमी नहीं होने पर भी रोशन किया नाम

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कमजोर पृष्ठभूमि के बच्चे कबड्डी में कर रहे कमाल

भोपाल. विषम परिस्थितियों में भी भोपाल से बेहतर कबड्डी के खिलाड़ी तैयार हो रहे हैं। कबड्डी के खिलाडिय़ों की नर्सरी के बागवां हैं एनआइएस कोच आलोक सिंह। उन्हें इस बात का गर्व है कि बेहद कमजोर पृष्ठभूमि से आने वाले बच्चे देश-विदेश की प्रतियोगिताएं जीत रहे हैं, लेकिन यह मलाल भी है कि सरकार की तरफ से कबड्डी खिलाडिय़ों को कोई सहूलियत नहीं दी जा रही। यह भी कम अफसोसजनक नहीं कि अभी तक प्रदेश में एक भी कबड्डी एकेडमी नहीं खोली जा सकी है, जहां अव्वल दर्जे के खिलाड़ी तैयार किए जा सकें। इस कारण से सीनियर वर्ग के खिलाड़ी अभी मेडल नहीं जीत पा रहे।


टीटी नगर स्टेडियम में इस समय कबड्डी की पौध तैयार की जा रही है। इस समय कबड्डी के यहां ३०० प्लेयर्स हैं, जिनमें जूनियर-सीनियर सभी वर्गों के लड़के-लड़कियां शामिल हैं। चीफ कोच पृथ्वीराज सिंह बघेल और एनआइएस कोच आलोक सिंह की देखरेख में यहां कई नेशनल-इंटरनेशनल लेवल के खिलाड़ी तैयार किए जा रहे हैं। कोच आलोक सिंह बताते हैं कि कबड्डी के खिलाड़ी को पांच मोटर क्वालिटी पर परखा जाता है। ये क्वालिटीज हैं स्पीड, स्ट्रेंग्थ, कोऑर्डिनेशन, फ्लेक्जिबिलिटी, एंड्योरेंस। इन क्वालिटीज के डवलपमेंट व मेंटेनेंस में जीन व डाइट का सबसे महत्वपूर्ण रोल होता है। अच्छी डाइट से खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। र्

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परिस्थितियों से जूझकर कर रहे नाम
शाजापुर का मूल निवासी मनोज कुमार मंडलाई सात वर्षों से नेशनल लेवल पर खेल रहा है। मनोज वर्ष २०१७ में इंडिया की ओर से नेपाल में खेलकर इंटरनेशनल मुकाबले में गोल्ड मेडल जीतकर आया। मनोज के पिता नहीं हैं। एक भाई है, जो गांव में रहकर खेती-बाड़ी से गुजारा करता है। कोच आलोक सिंह एक बार उसके घर गए तो हालात देखकर दिल भर आया। घर की छत से बरसात में बारिश होती है, बैठने-सोने की जगह नहीं बचती। इस खिलाड़ी को जो भी टूर्नामेंट से राशि मिलती है, उससे अपना और घर का खर्च चलाता है।
महाराष्ट्र से आए यश सिरसाज का परिवार भोपाल में ही रहता है। उसके पिता गार्ड व मां घरेलू काम करती हैं। घर का खर्च चलाने में यश भी मदद करता है। इसी तरह कई अन्य बच्चे मुफलिसी की गर्दिश से जूझकर कबड्डी की दुनिया में चमक रहे हैं। इनके कोच आलोक सिंह अपने व सहयोगियों की मदद से यथासंभव सहायता करते हैं।

ये नामी प्लेयर्स भी यहां से
टीटी नगर स्टेडियम से कई खिलाडिय़ों ने नाम रोशन किया। विनीता सोनी ने वर्ष २०१६ के नेशनल लेवल के फेडरेशन कप में सिल्वर मेडल हासिल किया। निधि ने सब जूनियर नेशनल में सिल्वर मेडल पाया। पूजा, शिल्पा, निशा कुमरे, मनीषा पासवान आदि लड़कियां नेशनल लेवल पर बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। लड़कों में अभिषेक सोनी, पार्थ गिरि, संतोष हुड्डा, विपिन परते आदि नेशनल लेवल पर अच्छा खेल रहे हैं।

अनुभव के आलोक से चमक रहे कबड्डी के सितारे
एनआइएस कोच आलोक सिंह बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की ओर से खेलकर वर्ष २०११ में मेडलिस्ट रहे। उन्होंने स्पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के हैदराबाद सेंटर से भी विशेष कोचिंग की है। कबड्डी में एनआइएस का प्रतिष्ठित कोर्स किया है। अपने अनुभव व यथासंभव आर्थिक सहयोग से भोपाल को कबड्डी खिलाडिय़ों का नामचीन हब बनाने के इरादे से काम कर रहे हैं।
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