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इस महल से हुई थी भोपाल में बेगमों के शासन की शुरुआत

locationभोपालPublished: May 26, 2022 01:15:23 pm

Submitted by:

Manish Gite

इतिहासः करीब दो सौ साल पहले बना गौहर महल, कुदसिया बेगम ने कराया निर्माण, नक्काशी के लिए खास, यहां से 45 किमी लंबी गुफा…।

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भोपाल. भोपाल नवाबों के शहर के साथ ही बेगमों के शासन काल के लिए भी जाना जाता है। बेगमों का दौर शुरू होने की रोचक कहानी है। करीब दो सौ साल पुराने गौहर महल के साथ ये शुरू हुआ। कुसदिया बेगम ने इसका निर्माण कराया था।

 

गौहर महल स्थित एक भव्य महल हैं। रियासत के दौर में पहली महिला शासक थी कुदसिया बेगम ने इस महल को 1820 में बनवाया था। इन्हें गौहर के नाम से भी बुलाया जाता है। ऐसे में इसका नाम उसी पर पड़ गया। करीब साढ़े चार एकड़ में यह फैला हुआ है। वास्तुकला का सर्वोच्च उदाहरण है। यहां तीन आंगन है। पहले हिस्से में दीवान-ए-आम था, जिसमें आम लोगों की बातें सुनी जाती थीं। दूसरा हिस्सा दीवान-ए-खास था, जिसमें शहर के खास ओहदे वाले लोगों को ही इजाजत के बाद आने की अनुमति थी। तीसरा हिस्सा बेहद सामान्य है।

महल के हिस्से से बड़े तालाब का नजारा मनमोहक है। लगभग 4.65 एकड़ क्षेत्र में फैले इस महल में पहले एक खुफिया गुफा भी थी, जो 45 किमी दूर जाकर रायसेन के किले में मिलती थी। वहीं जिसे अब भोपाल में इकबाल मैदान के नाम से जाना जाता है वह मैदान शौकत महल, मोती महल और गौहर महल का आंगन हुआ करता था।

 

मोमबत्तियों की रोशनी से होता था उजियारा

यहां कई खास बातें हैं। जानकारों के अनुसार कुदेसिया बेगम का कमरा इतना खास था कि नक्काशी के साथ ही साथ इसकी दीवारों पर एक चमकीला पदार्थ (अभ्रक) भी लगाया गया था। मोमबत्तियों की रोशनी और अभ्रक की वजह से यह कमरा अंधेरे में भी चमकता उठता था। दरवाजों पर कांच से नक्काशी है।

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