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36 घंटे रहा संशय, ढाई घंटे में खुल गई सारी परतें

locationभोपालPublished: Oct 18, 2020 09:00:27 pm

Submitted by:

Sumeet Pandey

-थाना प्रभारी, तलैया डीपी सिंह ने बताई बड़े तालाब में मिले नौ माह के मासूम के शव से अंधे कत्ल के कातिल तक पहुंचने की कहानी

36 घंटे रहा संशय, ढाई घंटे में खुल गई सारी परतें

aaropi

18 सितम्बर की सुबह 10 बजे होंगे। मैं थाने पहुंचकर कुछ फाइलें देख रहा था, उसी समय सूचना आई कि बड़े तालाब में शीतला माता मंदिर के पास एक बच्ची का शव मिला है। मैं स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचा। पहली नजर में देखा तो ऐसा लगा कोई खिलौना पड़ा है। बेहद छोटी सी मासूम गुडिय़ा, पांव में पायल, काला टीका, छोटी सी फ्रॉक पहनी हुई। ड्यूटी के दौरान कई शव देखे थे, लेकिन इस गुडिय़ा ने मन विचलित कर दिया। पास से देखने पर भी लग ही नहीं रहा था कि इसकी सांसें टूट चुकी हैं। मासूम धुला हुआ सा चेहरा, यह मासूम तो चल भी नहीं सकती, यहां कैसे आ गई। शायद इसकी मां ने इसके साथ छलांग लगाई होगी, आसपास के सभी घाटों पर तलाश कराया कहीं कोई कपड़ा फंसा मिले, बहता दिखे लेकिन कोई सबूत नहीं मिला। मंदिर के पुजारी से पूछा क्या कोई महिला यहां सीढिय़ों पर बैठी थी। लेकिन सभी ने बताया कल से ऐसा कोई नहीं आया। बच्ची के शव को मरचुरी में सुरक्षित रखवाया। इस बीच दो घंटे बीत चुके थे।
थाने वापस आने के बाद सबसे पहले मैने अन्य थानों को फोटो भिजवाई और बच्ची की फोटो प्रिंट और सोशल मीडिया पर इस उम्मीद में डाली शायद इसे कोई पहचान ले। बच्ची का अकेले मिलना सबसे बड़ा सवाल पैदा कर रहा था। शाम फिर दूसरे दिन सुबह तक दूसरी बॉडी नहीं मिली तो शंका पुख्ता होने लगी कोई इसे लेकर नहीं कू दा इसे ही फेंका गया है। फोटो से वीडियो पर पहुंचने पर खुली परतें दूसरा दिन भी बीत गया। लेकिन 19 सितम्बर की रात तक भी हाथ नहीं लगा। रात 9.30 बजे एक फोन आया। एक महिला बेटी के साथ लापता है। ओबेदुल्लागंज की सोनम कुशवाहा, अपने मायके रायसेन से नौ महीने की बेटी के साथ कहीं निकल गई थी। सोनम की फोटो के आधार पर जांच शुरू की तो एक घंटे में ही पता चला 17 सितम्बर की शाम उसे वीआईपी रोड पर रोते देखा गया था जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर चला था। वीडियो फोटो के मिलान के साथ तस्वीर काफी हद तक साफ हो गई।
ये थी हत्या की असल कहानी
20 सितम्बर की सुबह तक सोनम के ससुराल और मायके वालों से पूछताछ की तो जो कहानी निकलकर आई वह यह थी। गल्लामंडी रायसेन निवासी रघुनंदन की बेटी सोनम की शादी दो साल पहले औबेदुल्लागंज निवासी जितेन्द्र चौरसिया के साथ हुई थी। सोनम शादी के बाद भी रायसेन में पुराने दोस्त शिवम से बात करती थी, जिस पर पति को आपत्ति थी। 14 सितम्बर को करते पकड़े जाने पर जितेन्द्र ने उससे मारपीट करते हुए मोबाइल छुड़ा लिया। इसके एक दिन बाद 16 सितम्बर के तड़के सोनम नौ महीने की बेटी शान्वी को लेकर निकल गई। दिन भर तलाशी चलती रही लेकिन सुबह से निकली सोनम देर रात मायके रायसेन पहुंची। दिन भर गायब में पिता के घर पहुंची तो नाराज पिता ने उसे डांटते हुए घर से घुसने देने से रोक दिया। रात भर चाचा के यहां रहने के बाद सोनम 17 तारीख की सुबह अपने दोस्त शिवम के साथ कहीं चली गई। शाम तक ढूंढने के बाद परिजनों ने थाने में सूचना दी कि उनकी बेटी को मोहल्ले का शिवम नाम का लड़का बहला-फुसलाकर ले गया है। लेकिन इस सूचना से चंद घंटे पहले शाम 5.30 बजे सोनम घटना को अंजाम दे चुकी थी उसी समय गोताखोर ने उसे वीआईपी रोड पर अकेले रोते हुए देखा था, बच्ची गोद में नहीं थी। तब सोनम ने पति से लड़ाई की कहानी सुनाई और कुछ ही देर में शिवम पति बनकर आया और उसे ले गया।
गिरफ्तारी के पहले खुल गए थे सारे राज

अब तक पजिरनों के बयान, फोटो वीडियो और गोताखोरों से बातचीत के आधार पर अंधे कत्ल की कहानी सुलझ चुकी थी। ऐसा पहली बार था जब आरोपियों के पकड़े जाने के पहले हमें इस अंधे कत्ल का लगभग हर पहलू पता था। अब सोनम और उसके प्रेमी का गिरफ्तार होना रह गया था। 21 तारीख को दोपहर 12 बजे तक हमारी टीम ने सोनम और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया था। मामले को सुलझाने में उप निरीक्षक अंसार खान, उप निरीक्षक वीरेन्द्र सेन प्रभारी आरक्षक शैलेन्द्र सिंह, मनोज चौबे की प्रमुख भूमिका रही। हमने जांच भी तेजी से की और आरोपियों की गिरफ्तारी के 17 दिनों के अंदर नौ अक्टूबर को ही चालान पेश कर दिया।
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