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भोपाल

टैंकर की लोकेशन दिखती थी औबेदुल्लागंज की, भोपाल के पास दूध में मिलाते थे यूरिया

रोजाना अलग-अलग पाइंट से हजारों लीटर दूध निकालकर करते थे हर दिन लाखों रुपए की चोरी, सांची में पहुंचने वाले दूध में मिलावट कर देते थे टैंकर मालिक, क्राइम ब्रांच ने रंगे हाथों पकड़ा था

भोपालNov 10, 2020 / 12:14 am

Sumeet Pandey

milk tanker

टैंकर की लोकेशन दिखती थी औबेदुल्लागंज की, भोपाल के पास दूध में मिलाते थे यूरिया

भोपाल बात दिसम्बर 2019 की है। महीने के दूसरे सप्ताह में मैं अपने सामान्य दिनों की तरह ऑफिस का काम कर रहा था। इसबीच सहयोगी एसआइ संतोष रघुवंशी ने सूचना दी कि होशंगाबाद रोड पर रात के समय टैंकरों से दूध निकालकर पानी मिलाया जाता है। पहले सोचा, कोई छोटी-मोटी चोरी होगी लेकिन मामला रोजमर्रा के लिए सबसे उपयोगी दूध में मिलावट का था, इसलिए गंभीरता से काम करने के लिए निर्देश दिया। कुछ ही दिनों में सूचना पुष्ट हो गई कि मिलावट कब और कहां होती है। वह 14 दिसम्बर था, हमने उसी रात को छापा मारने का फैसला किया।
हमारी टीम सूचना के अनुसार समरधा ढाबा के पास पहुंची। उम्मीद थी कुछ दूध निकालकर पानी मिलाया जा रहा होगा। मौके का नजारा भी कुछ ऐसा ही था। वहां पर टैंकर बाजू में खड़ा था और टैंकर से कुछ लोग दूध निकाल रहे थे। टीम को देखते ही टैंकर और दूध के कंटेनर को छोड़कर लोग भाग निकले। ढाबे के पीछे खाली जगह थी जहां बोरिंग थी, वहां एक टंकी रखी थी जिसमें बोर से पानी आता था, इसमें मोटर लगाकर जितना दूध टैंकर निकालते थे मोटर से उतना पानी चढ़ा देते थे। हमें एक यूरिया की खुली बोरी भी मिली जिसे देखकर माथा ठनका।
डालते थे बोरियों से यूरिया
घटनास्थल पर यूरिया मिला था। टंकी में भी कुछ यूरिया की मात्रा महसूस हुई। वहां से कैन, पम्प की मोटर टंकी जब्त कर लीं। वहां दूध की डिलेवरी लेने आया गोपाल गुर्जर मौके से भाग गया लेकिन टैंकर ड्राइवर फरहान हमारे हाथ लगा। जिसे लेकर क्राइम ब्रांच आए तो उसने सब बताना शुरू कर दिया किस तरह वह रोजाना एक टैंकर से 2000 लीटर दूध निकालकर पानी मिलाते थे और दूध गाढ़ा करने के लिए मनमानी मात्रा में यूरिया तक मिला देते थे।
जीपीएस निकाला, कर्मचारियों की भी मिलीभगत
आरोपियों ने बताया कि यह टैंकर योगेन्द्र पांडे के हैं, जिसके 20 टैंकर चलते हैं। वही यह सब करवाता है। हम जीपीएस निकालकर औबेदुल्लागंज के पास ढाबे के पास पंचर जुड़वाने वाले के पास रख आते हैं जिससे लोकेशन वहीं की दिखती रहे। आरोपियों ने बताया कि इस मामले में सांची के कर्मचारियों की भी मिलीभगत है। गेट पर सील चेक करने वालों से लेकर दूध की जांच करने वाले तक को हिस्सा जाता है। प्राथमिक जानकारी में कई टैंकरों में मिलावट की खबर सामने आई लेकिन जब तक क्राइम ब्रांच कार्रवाई करती इसकी जानकारी बाकी मिलावट खोरों तक पहुंच चुकी थी।
जांच में मिला केमिकल, जहर था दूध
टैंकर को क्राइम ब्रांच में खड़ा किया गया। खाद्य विभाग के अधिकारियों को बुलाकर जांच कराई गई। जांच में सामने आया कि दूध में केमिकल है और यह उपयोग के योग्य ही नहीं है। खाद्य विभाग ने मिलावटखोरी का मामला दर्ज कर लिया। फरहान की गिरफ्तारी के चार दिन बाद चार दिन बाद टैंकर के मालिक योगेन्द्र पांडे को भी गिरफ्तार किया। सभी आरोपियों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की गई।

हर दिन लाखों का माल खपा रहे थे
अलग-अलग पाइंट पर अड्डे बनाकर 60-70 टैंकरों से दूध चोरी किया जा रहा था। जिससे हर दिन लाखों रुपए का दूध चोरी करके बेचा जा रहा था। आरोपियों ने इसके लिए सीहोर की ओर पनीर बनाने वाली बड़ी कम्पनी से डील कर रखी थी चोरी का दूध वहीं भेजा जा रहा था। कई तरह के दबाव आए लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों ने फ्री हैंड दिया और इसे अंजाम तक पहुंचाया गया।

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