मौजूदा कलेक्टोरेट की 14.82 एकड़ जमीन खाली हो जाएगी। इसकी कीमत लगभग 265 करोड़ रुपए है। जबकि प्रोफेसर कॉलोनी डेपलपमेंट पर करीब 130 करोड़ रुपए खर्च होंगे। साथ ही कलेक्टोरेट व कुछ अन्य दफ्तरों को शिफ्ट किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को हाउसिंग बोर्ड द्वारा बनाया जाएगा। छोटे तालाब पर एक ब्रिज बनेगा, साथ ही अंडरपास और कुछ नई सडकों का निर्माण भी होगा। जिससे आवाजाही आसान हो सके।
एक तरफ पड़ गया कलेक्टोरेट जिस तेजी से शहर फैल रहा है उसको देखते हुए कलेक्टोरेट एक कौने में पड़ता जा रहा है। नए शहर के व्यक्ति उधर जाने में काफी समय भी लगता है। इसे शिफ्ट करने के लिए विगत कई वर्षों से प्रयास जारी हैं। लेकिन इसकी शिफ्टिंग नहीं हो पा रही। इन समस्याओं को ध्यान में रखने के बाद ही प्रोफेसर कॉलोनी के रिडेंसिफिकेशन का प्लान बनाया गया है। गौरतलब है कि शहर में लंबे समय से नए कलेक्टोरेट भवन के निर्माण के लिए जमीन की खोजबीन चल रही है। इसके लिए ऐसे स्थान की तलाश की जा रही है जो कि शहर के बीचों बीच स्थित हो और लोग यहां तक आसानी से पहुंच सकें।