भोपाल के बीएचईएल क्षेत्र से लगे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सेंटर पर धमाके की आवाज के बाद पूरा इसरो परिसर दहल उठा। चारों तरफ धूंआ उठने लगा। पूरा स्टाफ और आवासीय परिसर में भी हलचल मच गई। किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना के बाद एनडीआरएफ और आर्मी की टीम ने मोर्चा संभाल लिया।
ऐसे बचाया लोगों को
इस बड़े धमाके के बाद NDRF सहित पांच टीमों ने बचाव कार्य किया। दरअसल यह एक मॉक ड्रिल थी। इसमें नगर निगम, सीआईएसएफ, पुलिस की टीम ने मुस्तैदी के साथ बचाव कार्य किया। नजारा बिल्कुल सही घटना के समान नजर आ रहा था।
घायलों को कराया उपचार
धुंए में घिरकर घायल हुए इसरो स्टाफ को निकालने के लिए टीम के सदस्य सेल्फ ब्रेथिंग सी लेंडर पहनकर बिल्डिंग में गए। उन्होंने एक-एक करके घायलों को बाहर निकाला।
दो संदिग्धों को जिंदा पकड़ा
जिस बिल्डिंग में धमाका हुआ उसके बाजू में किसी संदिग्ध व्यक्तियों के छुपे होने की सूचना पर आर्मी के कमांडों ने घेर लिया। काफी देर तक चली मुठभेड़ के बाद संदिग्ध युवकों को घेर लिया गया और उन्हें जिंदा पकड़ लिया गया।
इस आपरेशन के बाद इसरो के स्टाफ और उसी परिसर में रहने वाले परिवारों ने इस रेस्क्यू आपरेशन की सराहना की है। इन टीमों का नेतृत्व करने वाले इसरो के एनडीआरएफ कमाण्डर बुधाराम देवासी, जयदीप चौधरी, असिस्टेंट कमांडेंट, आर्मी, नगर निगम, पुलिस और सीआईएसएफ की टीम मौजूद थी। सभी ने किसी भी आपदा में मिलजुलकर काम करने का संदेश दिया, ताकि नागरिकों को सुरक्षित बचाया जा सके और आतंक का सफाया किया जा सके।