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मरणोपरांत अब्दुल जब्बार पद्मश्री से होंगे सम्मानित, जिन्होंने जिंदगी भर लड़ी भोपाल गैस पीड़ितों की लड़ाई

locationभोपालPublished: Jan 25, 2020 08:54:09 pm

Submitted by:

Muneshwar Kumar

लंबी बीमारी के बाद 14 नवंबर 2019 को भोपाल में हुआ था निधन

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भोपाल/ गैस पीड़ितों के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित कर देने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अब्बदुल जब्बार को मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। इसकी घोषणा गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले कर दी गई है। इस बार कुल 21 लोगों को पद्मश्री दिया गया है। जिसमें भोपाल के अब्बदुल जब्बार भी है। 14 नवंबर 2019 को उन्होंने भोपाल के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली थी।

अब्दुल जब्बार का निधन लंबी बीमारी के बाद हुआ था। लेकिन वह आखिरी दम तक भोपाल गैस पीड़ितों को न्याय दिलवाने के लिए संघर्ष करते रहे। ऐसे तो पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कई लोग संघर्ष कर रहे थे। मगर पैतीस सालों से उनकी आवाज उठा रहे जब्बार भाई कभी पीछे नहीं हटे। हर मंच पर जाकर पीड़ितों के आवाज को उन्होंने बुलंद किया।
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जब्बार भाई के नाम से बुलाते थे लोग
अब्दुल जब्बार पुराने भोपाल के यादगार-ए-शाहजहानी पार्क में हर शनिवार को पीड़ितों को न्याय दिलवाने के लिए प्रोटेस्ट करने जाते थे। साथ ही गैस पीड़ित लोगों के परिवार के सदस्य भी होते थे। साथ ही वह हादसे के बाद से लगातार हजारों पीड़ितों के समूह के साथ भोपाल की सड़कों पर संघर्ष करते दिख जाते थे। वह हमेशा आरोपी एंडरसन को फांसी देने की मांग करते थे।
इनके परिवार के लोगों की भी गई थी जान
1984 में भोपाल गैस त्रासदी में अब्दुल जब्बार ने अपने परिवार के लोगों को भी खोया था। इस भयानक हादसे में उन्होंने अपने माता-पिता और भाई को खोया था। इसलिए वह पीड़ितों के दर्द को बखूबी समझते थे। जब्बार भाई के संघर्ष की वजह से ही सैकड़ों परिवारों को राहत मिली। भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के जरिए ही पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे थे।
सरकार ने की अनदेखी
अब्दुल जब्बार भाई आखिरी के दिनों में कई बीमारियों से घिर गए थे। इतने लोगों के लिए आंख बने जब्बार भाई की आंख रोशनी आधी हो गई थी। साथ ही उन्हें सही इलाज भी नहीं मिल पा रहा था। बाद में उनके दोस्तों ने इसे लेकर कैंपन शुरू किया। तब उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। लेकिन गैंगरीन की वजह से उनके हाथ गल गए थे।

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