इंदौर और धार में अश्विनी के खिलाफ यौन शोषण का केस दर्ज कराने वाली चार युवतियों को रविवार को भोपाल लाया गया। एसआईटी इन्हें अश्विनी के उन छात्रावासों में लेकर पहुंची, जहां उनके साथ यौन शोषण किया गया। पुलिस ने अश्विनी के यहां से लैपटॉप, दस्तावेज और कुछ आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की। पुलिस ने उसके नरेला संकरी इलाके में संचालित हॉस्टल से सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग भी कब्जे में ली है। सोमवार को रिमांड पूरा होने पर पुलिस अश्विनी को कोर्ट में पेश करेगी। संभावना है कि पुलिस उसका कोर्ट से रिमांड मांगेगी।
5वीं पीडि़ता तक पहुंचे हमारे रिपोर्टर, 4 साथी भी शामिल थे यौनशोषण में
पत्रिका टीम रविवार को अश्विनी से पीडि़त पांचवी युवती तक पहुंची। साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट की मदद से पीडि़ता ने बताया कि अश्विनी ने मई में उससे छेड़छाड़ की थी। विरोध करने पर उसे पीटा गया और छात्रावास से निकाल दिया। दूसरे दिव्यांग विद्यार्थियों ने उसे बिजली गेट स्थित दृष्टिबाधित छात्रावास में शिफ्ट कराया। इसकी जानकारी सामाजिक न्याय विभाग को थी, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया।
पीडि़ता के अनुसार यौन शोषण में अश्विनी के साथ उसके चार साथी भी शामिल थे। अश्विनी छात्रावास में रहने वाली युवतियों को बांहों में भर लेता था। कभी वह पेट पर चिकोटी काटता तो कभी अन्य हरकतें करता। वह लड़कियों को साथ फोटो खिंचाने के लिए मजबूर करता, फिर उन्हें दिखाता। वह छात्रावास में लड़कियों के फ्लोर पर ही रहता था। कमरा नम्बर 108 खुद ले रखा था। 107 और 109 में पंसद की लड़कियों को रखता।
अश्विनी शर्मा ने वायरल कर दिया था वीडियो
अश्विनी शर्मा ने दुष्कर्म पीडि़ता मूक-बधिर युवती का आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर दिया था। एक छात्र ने यह वीडियो इंदौर में मूक-बधिर युवतियों के शिक्षक ज्ञानेन्द्र पुरोहित के पास भेजकर मदद मांगी थी। पुरोहित ने उज्जैन के दिव्यांग विद्यालय की शिक्षिका के पास यह शिकायत पहुंचाई थी और सामाजिक न्याय विभाग में अश्विनी की शिकायत करने का आग्रह किया।
शिक्षिका इस मामले को दबा गईं। उसने पुरोहित का फोन उठाना भी बंद कर दिया। यह वीडियो पुलिस को सौंपा है। पीडि़ता के अनुसार वीडियो उजागर करने का कहकर अश्विनी उन्हें छात्रावास से निकाल देने और जान से मारने की धमकी देता था। इधर, पुलिस ने सामाजिक न्याय विभाग की अधिकारी प्रभा सोमवंशी से भी पूछताछ की है।
अनुदान देती रही सरकार : कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने रविवार को आरोप लगाया कि सरकार अश्विनी पर मेहरबान रही है। उसकी संस्था कृतार्थ बॉयज को सरकार विशेष मामला मानकर अनुदान उपलब्ध कराती रही। गुप्ता ने मीडिया को सरकार का 28 दिसम्बर 2016 का वह आदेश भी दिया, जिसमें संस्था को 74 नि:शक्तजनों को हॉस्टल सुविधा के लिए 1800 रुपए प्रति विद्यार्थी प्रतिमाह के हिसाब से अनुदान दिया गया।
इस तथ्य की जांच होनी चाहिए कि विभागीय मंत्री गोपाल भार्गव ने बिना जांच किए कैसे कह दिया कि विभाग ने आरोपी को कोई अनुदान नहीं दिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जांच केवल चार बच्चियों तक सीमित क्यों। सरकार विस्तृत जांच के बजाय मामले को दबाने में लगी है। इसलिए मामले की सीबीआई जांच जरूरी है।
अश्विनी की फेसबुक आईडी चार दिन बाद अचानक रविवार सुबह से दिखने लगी। अभी तक यह गायब थी। इसमें से नवंबर 2015 के बाद की सभी पोस्ट हटा दी गई हैं। सूत्रों के अनुसार पुलिस अश्विनी के इस फेसबुक वॉल को चेक कर रही है।