इस चुनाव में जहां भाजपा की साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 862627 वोट मिले, वहीं कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को केवल 500404 वोट में संतुष्ट होना पड़ा। जीत का कुल अंतर 362223 रहा। वहीं आंकड़ा अभी और आगे निकलने की संभावना दर्शाई जा रही है।
LIVE UPDATES
05:35 pm : भाजपा की प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर 767394 वोट मिले, कांग्रेस से दिग्विजय सिंह कुल 455093 वोट मिले, 312301 वोट से पीछे दिग्विजय सिंह।
04:35 pm : भाजपा की प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर 733351 वोट मिले, कांग्रेस से दिग्विजय सिंह कुल 427991 वोट मिले, 305360 वोट से पीछे दिग्विजय सिंह।
3:17 PM : भाजपा की प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह ठाकुर 559773 वोट मिले, कांग्रेस से दिग्विजय सिंह कुल 343364 वोट मिले, 216409 वोट से पीछे दिग्विजय सिंह।
2:44 PM : भाजपा की प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह ठाकुर 460288 वोट मिले, कांग्रेस से दिग्विजय सिंह कुल 298647 वोट मिले, 161641 वोट से पीछे दिग्विजय सिंह।
आठवें राउण्ड में…
दिग्विजय सिंह को 21665 वोट
प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 35036 वोट
1:56 PM : भाजपा की प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह ठाकुर 400196 वोट मिले, कांग्रेस से दिग्विजय सिंह कुल 258367 वोट मिले, 141829 वोट से पीछे दिग्विजय सिंह।
11:30 am : भाजपा की प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर 172236 वोट मिले, आगे चल रही हैं। कांग्रेस से दिग्विजय सिंह कुल 136104 वोट मिले, पीछे चल रहे हैं।
11:07 am : भाजपा की प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर 157588 वोट मिले, आगे चल रही हैं। कांग्रेस से दिग्विजय सिंह कुल 120639 वोट मिले, पीछे चल रहे हैं। 11:00 am : भाजपा की प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर 149831 वोट मिले, आगे चल रही हैं। कांग्रेस से दिग्विजय सिंह कुल 105609 वोट मिले, पीछे चल रहे हैं।
10:55 am : भाजपा की प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर 135129 वोट मिले, आगे चल रही हैं। कांग्रेस से दिग्विजय सिंह कुल 100705 वोट मिले, पीछे चल रहे हैं। 10: 30 am : भाजपा की प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर 107560 वोट मिले, आगे चल रही हैं। कांग्रेस से दिग्विजय सिंह कुल 77547 वोट मिले, पीछे चल रहे हैं।
10: 25 am :भाजपा की प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर 102655 वोट मिले, आगे चल रही हैं। कांग्रेस से दिग्विजय सिंह कुल 74808 वोट मिले, पीछे चल रहे हैं।
10 .04 am: भाजपा की प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर 74758 वोट मिले, आगे चल रही हैं। कांग्रेस से दिग्विजय सिंह कुल 51176 वोट मिले, पीछे चल रहे हैं।
दरअसल मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह को भोपाल सीट से कांग्रेस ने टिकट दिया। वहीं बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा पर दांव खेला है। इस मुकाबले को 72 की उम्र के दिग्विजय के लिए आर-पार की लड़ाई माना जा रहा है, तो वहीं साध्वी प्रज्ञा के लिए यह एक तरह से सियासत की शुरुआत है।
लेकिन आज 23 मई 2019 को चुनाव 2019 का रिजल्ट आते ही ये सारी स्थितियां साफ हो जाएंगी कि भोपाल में भाजपा अपना किला बचाने में कामयाब रहती है या कांग्रेस के दिग्विजय सिंह भाजपा की इस सीट पर सेंध लगा पाते हैं।
कुल मिलाकर कांग्रेस के लिए राजधानी भोपाल की सीट अभी भी अभेद्य किला बनी हुई है, जहां 30 सालों से पार्टी को जीत नसीब नहीं हुई है। भाजपा का गढ़ माने जाने वाले इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और कैलाश जोशी भी सांसद रह चुके हैं।
इससे पहले वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में भोपाल लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी आलोक संजर की भारी मतों से जीत हुई थी, आलोक को 7.14 लाख से ज्यादा वोट मिले थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के पीसी शर्मा को 3.43 लाख वोट पड़े थे।
भोपाल से जुड़ा ये खास सच!
भोपाल मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। मध्य प्रदेश की राजधानी होने के कारण यह शहर बेहद खास है। इस क्षेत्र को झीलों की नगरी भी कहा जाता है। 1984 में हुआ भोपाल गैस कांड यहां का सबसे दुर्भाग्य पूर्ण घटनाक्रम है।
गैस रिसाव से लगभग बीस हजार लोग मारे गये थे। भोपाल की स्थापना परमार राजा भोज ने की थी। इस क्षेत्र का पुराना नाम भोजपाल था। यहां पर अफगान सिपाही दोस्त मोहम्मद का शासन रहा, इसलिये इसे नवाबी शहर भी कहा जाता है।
पिछले 8 चुनावों से भोपाल लोकसभा सीट बीजेपी जीत रही है। इस सीट पर फिलहाल बीजेपी के मौजूदा सांसद कैलाश जोशी विजयी हैं।
भोपाल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. बेरसिया, भोपाल दक्षिण-पश्चिम, हुजूर, भोपाल उत्तर, भोपाल मध्य, सिहौर, नरेला और गोविंदपुरा यहां की विधानसभा सीटें आती हैं।
भोपाल लोकसभा सीट का दिलचस्प इतिहास.profile of Bhopal l lok sabha constituency..
भोपाल में पहले लोकसभा चुनाव में दो सीट थीं, जिन्हें रायसेन और सीहोर के नाम से जाना जाता था। तब सीहोर सीट से कांग्रेस के सैयद उल्लाह राजमी ने उद्धवदास मेहता को शिकस्त दी थी, तो रायसेन सीट से कांग्रेस के चतुरनारायण मालवीय ने निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ठाकुर को मात देकर पहला लोकसभा चुनाव जीता था।
इसके बाद 1957 भोपाल एक सीट हो गई, जिसमें पहली बार मैमूना सुल्तान ने कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया और वे हिंदू महासभा के हरदयाल देवगांव को हराकर सांसद बनी।
वहीं इसके बाद वो 1962 में दोबारा हिंदू महासभा के ओमप्रकाश को हराकर लोकसभा पहुंची।
जबकि 1967 में भारतीय जनसंघ ने अपने प्रत्याशी उतारे और भोपाल सीट पर पहली बार में कब्जा जमा लिया।
लेकिन इस जीत को भारतीय जनसंघ 1971 के अगले चुनाव में बरकरार नहीं रख सकी और कांग्रेस नेता और देश के पूर्व राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा ने यहां शानदार जीत दर्ज की।
वहीं इसके बाद 1977 में यहां पर भारतीय लोकदल के नेता आरिफ बेग ने शंकरदयाल शर्मा को हरा दिया।
1980 में फिर से इस सीट पर शंकरदयाल शर्मा ने कब्जा किया और आरिफ बेग को हराया।
1984 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने सीट पर कब्जा बनाए रखा और केएन प्रधान यहां से एमपी बने।
और फिर यहां से बदल गया इतिहास.Change in bhopal..
वहीं साल 1989 में कांग्रेस की इस सीट को सबसे पहले पूर्व मुख्य सचिव रहे सुशीलचंद्र वर्मा ने इस सीट पर भाजपा की ओर से जीत दर्ज की।
इसके बाद वे लगातार 1998 तक इस सीट से सांसद रहे।
इसके बाद 1999 में भाजपा नेत्री उमा भारती और 2004 और 2009 में कैलाश जोशी ने यहां जीत दर्ज की और साल 2014 के चुनाव में यहां से आलोक संजर सांसद बने।