मेट्रो और लो फ्लोर बसों को कनेक्टिविटी देने की योजना ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट पॉलिसी का एक हिस्सा है। ये पॉलिसी पूर्व प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विवेक अग्रवाल के कार्यकाल में बनी थी। अब इस पॉलिसी पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
भोपाल में यात्रियों की संख्या बढ़ाने के उपाय बताने निजी कंपनियों को लाखों का भुगतान जारी है। बीसीएलएल के सीईओ पवन सिंह के मुताबिक इस बार नए रूट तलाशने का काम दिल्ली की कंपनी डब्ल्यूआरआई को दिया है। ये कंपनी मूल रूप से दिल्ली सरकार के लिए काम करने वाली एनजीओ है। बीसीएलएल ने इस काम की दरें फिलहाल सार्वजनिक नहीं की हैं।
इन रूटों पर बसों के फेरे घटे
एसआर 1: लालघाट से बैरागढ़
एसआर 2: नेहरू नगर से कटारा हिल्स तक
एसआर 3: गांधी नगर से ईश्वर नगर तक
एसआर 4: भानपुर से बैरागढ़
एसआर 5: बैरागढ़ से अवधपुरी
एसआर 8: बैरागढ़ से कोच फैक्ट्री
टीआर 1: बैरागढ़ से 11 मील
टीआर 4: अयोध्या नगर से नारियल खेड़ा
पहले चरण के दो रूट पर यहां से गुजरेगी मेट्रो
रूट नंबर 2: करोंद चौराहा, कृषि उपज मंडी, डीआईजी बंगला, सिंधी कालोनी, नारदा बस स्टेंड, भारत टॉकीज, पुल बोगदा, ऐशबाग स्टेडियम के पास, सुभाष नगर अंडरपास के पास, मैदा मिल केंद्रीय विद्यालय, एमपी नगर, सरगम सिनेमा, हबीबगंज कॉम्पलेक्स, अलकापुरी, एम्स।
रूट नंबर 5: भदभदा चौराहा, डिपो चौराहा, जवाहर चौक, रंगमहल टॉकीज, रोशनपुरा चौक, मिंटो हॉल, लिलि टॉकीज, जिंसी, बोगदा पुल, प्रभात चौराहा, गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया, इंद्रपुरी, पिपलानी और रत्नागिरी तिराहा।
यात्रियों की संख्या बढ़ाने और नए रूट बनाने के लिए दिल्ली बेस्ड कंपनी को काम दिया है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट मिलने वाली है। – पवन सिंह, सीईओ, बीसीएलएल