टीएंडसीपी डायरेक्टर राहुल जैन के साथ एक टीम हैदराबाद का दौरा कर शनिवार को लौटी है। अतिरिक्त संचालक अमित गजभिये के साथ अमरावती का अध्यन करने गई टीम सोमवार को लौटेगी। मुंबई-कोलकाता की प्लानिंग का अध्यन हो चुका है।
केंद्र से होगा एमओयू, विकास राशि बढ़ेगी
केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाला फंड भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन में शामिल शहरों के अनुपात में तय होगा। अभी इनमें राज्य सरकार और स्थानीय निकाय के खजाने से विकास कार्य होते हैं। बड़े प्रोजेक्ट केवल राजधानी तक सीमित हैं। आसपास के जिले पिछड़े नजर आते हैं।
जल्द ही राज्य सरकार व केंद्र के बीच एमओयू साइन होगा। एमपी मेट्रो रेल कंपनी में राज्य के अधिकारी पदस्थ हैं। इसमें अब केंद्र सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल हो जाएंगे और अतिरिक्त फंड मेट्रो रेल परियोजना के लिए मिलना शुरू हो जाएगा।
मेट्रो पॉलिटन अथॉरिटी बनाने हैदराबाद, अहमदाबाद, मुंबई, कोलकाता और अमरावती का अध्यन हो रहा है। हैदराबाद की प्लानिंग उपयुक्त लग रही है।
राहुल जैन, डायरेक्टर, टीएनसीपी
भोपाल से जुडऩे वाले सभी शहरों को फायदा
सिटी डवलपमेंट के लिए राज्य ने टीओडी-टीडीआर जैसी योजनाएं बनाई हैं। मेट्रोपॉलिटन रीजन अथॉरिटी में जुडऩे के बाद भोपाल मास्टर प्लान में फ्लोर एरिया रेशो की दर, टीओडी और टीडीआर पॉलिसी का फायदा इन शहरों को मिलेगा।
इसके अलावा स्मार्ट सिटी, पेन सिटी सॉल्यूशन के काम इन शहरों में भी हो सकेंगे। मेट्रो रेल सेवा का विस्तारीकरण होने से सीहोर से भोपाल, मण्डीदीप, रायसेन पहुंचने में लोगों को आधे से भी कम वक्त लगेगा। इसका सीधा असर औद्योगिकीकरण और रोजगार में इजाफे के तौर पर दिखाई देगा।