भोपाल में संदीप का परिवार कोतवाली पुलिस लाइन में रहता है। उनके पिता नंदराम यादव श्यामला हिल्स थाने में हेड कांस्टेबल हैं
भोपाल। मर्चेंट नेवी में तैनात भोपाल का संदीप यादव बीच समंदर रहस्यमय तरीके से लापता हो गया। 22 फरवरी को गुजरात के बंदरगाह के द ग्रेट इस्टर्न शिपिंग कम्पनी के जहाज एमटी जगपुष्पा से वे दक्षिण अफ्रीका के मोजांबिक के लिए रवाना हुए थे। उनका 2/3 मार्च की रात जहाज से ही लापता हो गए।
मर्चेंट नेवी में संदीप की यह दूसरी समुद्र यात्रा थी। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि किसी ने संदीप को रात के अंधेरे में जहाज के डेक से समुद्र में फेंक दिया या फिर वे पानी में गिर गए। परिजन ने कम्पनी के दो कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। भोपाल में संदीप का परिवार कोतवाली पुलिस लाइन में रहता है। उनके पिता नंदराम यादव श्यामला हिल्स थाने में हेड कांस्टेबल हैं।
(पत्रिका को बेटे के लापता होने की जानकारी देता संदीप का परिवार)
संदीप के लापता होने की खबर पर नंदराम मुम्बई गए, जहां से वे निराश होकर लौटे। उन्होंने बताया कि 22 फरवरी को संदीप 26 साथियों के साथ मोजांबिक के लिए जहाज पर सवार हुआ था। तीन मार्च की रात 12.30 बजे तक संदीप जहाज पर था, पर अगली सुबह सामूहिक मीटिंग में वह नदारद था। उनकी तलाश में जहाज का चप्पा-चप्पा छाना गया पर संदीप नहीं मिला। वे द ग्रेड इस्टर्न शिपिंग कम्पनी में ट्रेनी इलेक्ट्रिकल ऑफिसर के पद पर 4 नवम्बर 2015 से तैनात थे।
दो कर्मचारियों पर शक
परिजन ने शिप में मौजूद अभिजीत-राकेश नाम के कर्मचारियों पर संदेह जताया है। बड़े भाई भूपेन्द्र ने कहा कि अभिजीत साढ़े 12.30 बजे तक संदीप के साथ शिप की केबिन में था। आरोप है कि दोनों एक साथ सोए थे, तो संदीप की जानकारी अभिजीत को क्यों नहीं है। राकेश पर शक है, क्योंकि उसने कुछ देर बार भूपेंद्र को व्हाट्सएप ग्रुप से हटा दिया था।
मां को उम्मीद-लल्ला आएगा
बीच समंदर लापता हुए संदीप की मां की उम्मीद है कि उनके कलेजे का टुकड़ा लौटकर जरूर आएगा। मनहूस खबर सुनने के बाद सरला यादव का बुरा हाल है। आंसू थम नहीं रहे, लेकिन यकीन है कि जल्दी ही बेटा सामने आकर कहेगा, देखो… अम्मा मैं लौट आया। संदीप के पिता कलेजे पर पत्थर रखकर कानूनी पहलुओं को समझने में जुटे हैं। अम्मा, तुम्हारा लल्ला ठीक है। भगवान की कृपा से बहुत बढि़या हूं। यहां सब बढि़या है। आप भी बढि़या हो और घर पर क्या चल रहा है।Ó यह ऑडियो संदेश संदीप ने अपनी मां सरला को 8 फरवरी को वाट्सएप के जरिए भेजा था। सरला यह बताते हुए फफक पड़ती है कि, वह तो बहुत खुश था। इन कंपनी (दा, ग्रेट इस्टर्न शिपिंग कंपनी) वालों ने उसे मार डाला।
ये खबर भी पढ़ें….शिवलिंग पर नहीं चढ़ानी चाहिए ये पांच चीजें
21 फरवरी को अंतिम मैसेज
संदीप की आखिरी बात बड़े भाई भूपेंद्र से 21 फरवरी को वाट्सएप के जरिए से हुई थी। उसने घर का हाल-चाल पूछने के बाद जून में आने का वादा किया था। बाद के दिनों में भूपेंद्र ने संदीप को वाट्सएप पर संदेश भेजे, लेकिन कोई रिप्लाई नहीं मिला।
चार महीने पहले ज्वॉइन किया था
संदीप ने 2012 में इंजीनियरिंग करने के बाद 2014 में मर्चेन्ट नेवी में जाने का फैसला किया। द ग्रेड ईस्टर्न शिपिंग कंपनी में चार माह की ट्रेनिंग के बाद संदीप को इसी कंपनी में नौकरी मिल गई। नवंबर 2015 से संदीप कंपनी में नौकरी कर रहा था।