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1327 आपत्तियां, 95% ने कहा- नहीं चाहिए निगम का बंटवारा

locationभोपालPublished: Oct 16, 2019 01:27:02 am

Submitted by:

manish kushwah

आज है दावे-आपत्तियों का अंतिम दिन, महापौर और विधायकों ने भी जताया विरोध

1327 आपत्तियां, 95% ने कहा- नहीं चाहिए निगम का बंटवारा

1327 आपत्तियां, 95% ने कहा- नहीं चाहिए निगम का बंटवारा

भोपाल. राजधानी को दो नगर निगमों में बांटने को लेकर कलेक्टोरेट में ली जा रहीं दावे-आपत्तियों के छठवें दिन मंगलवार को ११२७ आपत्तियां दर्ज कराईं गईं। इन्हें टाइप करने के लिए पांच बाबुओं को जिम्मेदारी सौंपी गईं। इन आपत्तियों की गिनती का काम रात आठ बजे तक चला। अधिकारियों के मुताबिक अब तक १३२७ से अधिक आपत्तियां आ चुकी हैं। इनमें से ९५ फीसदी में दो नगर निगम बनाने का विरोध किया गया है, जबकि पांच फीसदी ने समर्थन।
नरेला विधायक विश्वास सारंग ने दस हजार से अधिक समर्थकों के हस्ताक्षर वाली आपत्तियां लगाई हैं। इनमें कहा है कि कोलार और करोंद के बीच की दूरी २५ किमी से अधिक है। निगम मुख्यालय कोलार में बनेगा तो करोंद, अयोध्या एवं भानपुर के लोगों को लंबी दूरी तय करना होगी। नगर निगम के ६०० करोड़ रुपए के कर्ज, ६००० कर्मचारियों एवं एक हजार वाहनों का बंटवारा मुश्किल है। एशियन डवलपमेंट बैंक का ३५ करोड़ तो हुडको का ८० करोड़ का कर्ज है। अमृत प्रोजेक्ट के लिए १७५ करोड़ रुपए के बॉन्ड जारी किए गए हैं, इनके एवज में हर माह एक करोड़ रुपए की अदाएगी होती है।
इन्होंने समर्थन में दिए ये तर्क
क्रिएशन एंड प्रोजेक्शन डॉट कॉम के अमिताभ अग्निहोत्री ने कोलार ननि के गठन का समर्थन किया, लेकिन दो भागों में बांटने के नोटिफिकेशन को गलत बताया। उनका कहना है कि कोलार ननि या पालिका के समर्थन में हाईकोर्ट में २०१४ से विचाराधीन याचिका पर शासन के जवाब के बाद कोर्ट के आदेश पर नगर निगम गठन किया जाए। कोलार नगर निगम का हिस्सा २३२.६१ वर्ग किमी है, ३१ वार्ड हैं। भोपाल का हिस्सा १८५.२३ वर्ग किमी है और ५४ वार्ड हैं। पहले इस विसंगति को दूर किया जाए।
अधिसूचना पर उठाए सवाल
सत्यार्थ प्रकाश अग्रवाल ने आपत्ति दर्ज कराई कि अधिसूचना जारी करने के बाद त्योहार आए हैं। ऐसे में जनता को और समय मिलना चाहिए। संविधान के भाग-९ ए के अनुच्छेद २४३ पी के अनुसार राज्यपाल के अधिसूचित किए बगैर निगम क्षेत्र को दो हिस्सों में नहीं बांटा जा सकता।
महापौर और 56 पार्षद पहुंचे बस से
शहर को दो नगर निगम में बांटने का विरोध करने के लिए महापौर आलोक शर्मा ५६ पार्षदों के साथ बस में सवार होकर कलेक्टोरेट पहुंचे। महापौर ने नगर निगम के विभाजन को गलत बताते हुए कहा कि इससे शहर का विकास नहीं होगा। संसाधनों की कमी है, ऐसे में निगम पर खर्चों का बोझ बढ़ेगा। इस अवसर पर महापौर और 56 पार्षदों ने आपत्ति दर्ज कराई।
कोलार के यू आकार पर दर्ज कराई आपत्ति
हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि भोपाल को दो हिस्सों में नहीं बांटा जाना चाहिए। ये फैसला मैनिट या अन्य संस्थाओं के सर्वे के बाद लेना था। मुरैना, छिंदवाड़ा, देवास की तरह छोटे-छोटे वार्ड बनाकर नगर निगम बनाए गए हैं। शर्मा ने कहा कि यदि ऐसा किया जा रहा है तो ये गलत है। उन्होंने कोलार नगर निगम के यू आकार पर भी आपत्ति जताई है।
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