नौ साल में शहर के ट्रैफिक को बेहतर करने के लिए कई चौराहों का विकास किया गया। रोटरी या तो हटाई गईं या छोटी की गईं। प्रतिमाएं भी शिफ्ट की गईं। जानकारी के अनुसार नौ साल में 15 रोटरियों को तोड़ा गया, 22 प्रतिमाएं शिफ्ट की गईं। इसमें बोर्ड ऑफिस की रोटरी को छोटा किया, जबकि ज्योति टॉकीज चौराहे की रोटरी को लगभग हटाकर वहां सिर्फ एक प्रतिमा रहने दी गई। व्यापमं चौराहा की रोटरी खत्म की गई। रोशनपुरा से पॉलीटेक्निक चौराहा और डिपो चौराहा तक रोटरी हटाईं गईं। बीते सालों में डॉ. शंकरदयाल शर्मा, पं. उद्धवदास मेहता, महाराजा अग्रसेन, झलकारी बाई, पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमाएं शिफ्ट की गईं। ये रोटरियों और प्रतिमाएं ट्रैफिक में बाधा बन रही थीं। अब भी 32 सडक़ों पर रोटरियों और प्रतिमाओं के कारण ट्रैफिक थम जाता है। इनमें चेतक ब्रिज से भेल की की ओर का चौराहा और प्रभात चौराहा प्रमुख है।