भोपाल डिवीजन के अंदर बनकर तैयार होगा पहला फास्ट ट्रैक
साल 2016 में रेलवे ने डबल और तीसरी लाइन बनाने का फैसला किया, जिसके बाद रेल लाइनों के निर्माण में तेजी आई। हबीबगंज से इटारसी के बीच काम काफी धीमा चल रहा था। साल 2018 में भोपाल से बीना का काम पूरा हो गया था। हबीबगंज से इटारसी के बीच थर्ड लाइन निर्माण में काफी परेशानियां थी। सबसे ज्यादा चुनौती का काम जंगल, जानवरों की सुरक्षा का था। वन विभाग की ओर से लंबे समय के बाद अनुमति मिली। 2 साल में यह प्रोजेक्ट आरवीएनएल को पूरा करना होगा, नहीं तो रेलवे की ओर से फंड रिलीज नहीं किया जाएगा।
साल 2016 में रेलवे ने डबल और तीसरी लाइन बनाने का फैसला किया, जिसके बाद रेल लाइनों के निर्माण में तेजी आई। हबीबगंज से इटारसी के बीच काम काफी धीमा चल रहा था। साल 2018 में भोपाल से बीना का काम पूरा हो गया था। हबीबगंज से इटारसी के बीच थर्ड लाइन निर्माण में काफी परेशानियां थी। सबसे ज्यादा चुनौती का काम जंगल, जानवरों की सुरक्षा का था। वन विभाग की ओर से लंबे समय के बाद अनुमति मिली। 2 साल में यह प्रोजेक्ट आरवीएनएल को पूरा करना होगा, नहीं तो रेलवे की ओर से फंड रिलीज नहीं किया जाएगा।
पहले खाली, फिर लोडेड चली मालगाड़ी
सीआरएस की अनुमति के बाद मंडीदीप से हबीबगंज के बीच थर्ड लाइन पर पहली मालगाड़ी चलाई गई, जो कि खाली थी। फिर यह ट्रेन लोडिंग के साथ चलाई गई, जिसका ट्रायल सफल रहा। जल्द ही लोको पायलटों को नया ऑपरेशनल रोस्टर दिया जाएगा।
सीआरएस की अनुमति के बाद मंडीदीप से हबीबगंज के बीच थर्ड लाइन पर पहली मालगाड़ी चलाई गई, जो कि खाली थी। फिर यह ट्रेन लोडिंग के साथ चलाई गई, जिसका ट्रायल सफल रहा। जल्द ही लोको पायलटों को नया ऑपरेशनल रोस्टर दिया जाएगा।
16.41 किमी लंबे ट्रैक पर 130 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ाई ट्रेन हबीबगंज से मंडीदीप के बीच तीसरी रेल लाइन पर 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ाने की मंजूरी जल्द मिल सकती है। मंगलवार को रेलवे सेफ्टी कमिश्नर ने हबीबगंज स्टेशन से सेमी हाई स्पीड सीआरएस स्पेशल में सवार होकर तीसरी रेल लाइन का निरीक्षण किया। रेलवे के सेफ्टी कमिश्नर (सीआरएस) एके जैन ने अपने पूरे अमले के साथ हबीबगंज से मंडीदीप के बीच 16.41 किमी लंबे ट्रैक पर 130 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाकर ट्रायल किया। निरीक्षण के दौरान रेल संरक्षा आयुक्त ने इस रेल खंड पर संरक्षा एवं सुरक्षा से जुड़े संसाधनों, ओएचई लाइन, सम्बद्ध उपकरण व सिग्नलिंग आदि का निरीक्षण किया और उनकी कार्य क्षमता को परखा। रेल पटरी ट्रायल के दौरान पहले सेमी हाई स्पीड सीआरएस स्पेशल की रफ्तार कम रखी गई, फिर रफ्तार बढ़ाकर ट्रायल किया। इस दौरान ट्रायल में जो भी कमियां रेलवे सेफ्टी कमिश्नर को दिखाई दीं, उन्होंने मौके पर ही डीआरएम और मंडल के अधिकारियों को जल्द से जल्द दुरुस्त कराने के निर्देश दिए। सीआरएस एके जैन मंगलवार सुबह करीब 11 बजे भोपाल पहुंचे।