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कोरोना से स्वस्थ होने के बाद शरीर में नहीं मिल रहे एंटीबॉडी, जीएमसी करेगा शोध

locationभोपालPublished: Sep 21, 2020 01:24:05 am

Submitted by:

manish kushwah

शोध से पता लगाने की कोशिश होगी कि कोरोना के बाद एंटीबॉडी कितने दिन में सक्रिय होते हैं

कोरोना से स्वस्थ होने के बाद शरीर में नहीं मिल रहे एंटीबॉडी, जीएमसी करेगा शोध

कोरोना से स्वस्थ होने के बाद शरीर में नहीं मिल रहे एंटीबॉडी, जीएमसी करेगा शोध

भोपाल. प्रदेश में कोरोना पीडि़तों की संख्या एक लाख से ज्यादा हो गई है। वायरस के प्रसार को जानने प्रदेश में सीरो सर्वे जारी है। इंदौर और उज्जैन की रिपोर्ट आ चुकी है, एक सप्ताह में भोपाल के नतीजे भी आएंगे।
सर्वे में चौंकाने वाली बात है कि स्वस्थ होने वाले कई मरीजों में एंटीबॉडी नहीं मिली। विशेषज्ञों की नजर में एंटीबॉडी न मिलना गंभीर मामला हो सकता है। ऐसे में गांधी मेडिकल कॉलेज द्वारा कोरोना से ठीक हुए लोगों पर टेस्ट का एंटीबॉडी की स्थिति का पता लगाया जाएगा।
आठ हजार लोगों के सैंपल लिए गए
सीरो सर्वे में शहर में करीब आठ हजार लोगों के सैंपल लिए गए हैं। पीसीएम डिपार्टमेंट के 25 फैकल्टी सहित 12 पीजी डॉक्टर और 35 कर्मचारियों द्वारा सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए माइक्रोबायलॉजी विभाग को सौंप दिए हैं।
क्यों पड़ रही रिसर्च की जरूरत
अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि एंटीबॉडी कब तैयार होते हैं। सामान्य: शरीर में 14 दिनों में एंटीबॉडी बन जाते हैं, लेकिन कई ऐसे मामले आए हैं, जिसमें निर्माण नहीं हुआ। हमीदिया अस्पताल के कुछ डॉक्टर और कर्मचारियों की जांच में टेस्ट के दौरान उनमें एंटीबॉडी नहीं मिले थे।
छह माह से सालभर तक होगी जांच
रिसर्च में शहर के कई हिस्सों में 1500 से 2000 लोगों को रेंडमली चयनित कर टेस्ट किया जाएग। यह टेस्ट ठीक होने के एक सप्ताह बाद से लेकर एक महीने बाद और नियमित अंतराल में करीब एक साल तक किए जाएंगे। रिपोर्ट से पता चलेगा कि एंटीबॉडी कब बनना शुरू हुए।
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