खासतौर पर छठी मंजिल की हालत बहुत खराब हो गई है। इससे यहां बैठने वाले कर्मचारी परेशान हैं। तिवारी ने इसकी शिकायत राज्य मानवाधिकार आयोग से भी की थी। आयोग ने मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को शिकायत का समुचित निराकरण करने के लिए कहा है। लेकिन एक माह होने को आया अभी तक कबाड़ नहीं हटाया गया है। अन्य कर्मचारियों का कहना है कि इस कबाड़े को नहीं हटाया गया, तो इमारत को नुकसान होगा, और आने वाले समय में कर्मचारियों को नुकसान हो सकता है। वैसे भी ये भवन वर्षों पुराना है, जिससे कई स्थानों पर दरारें आ जानेे से बारिश में पानी का रिसाव होने की शिकायत सामने आती है। कर्मचारियों की मांग है कि इस कबाडख़ाने को यहां से हटाया जाए, तथा छत की मजबूती के लिए आवश्यक मरम्मत कार्य किया जाए।