अवनींद्र द्विवेदी ने बताया कि कई बार नगर निगम स्थानीय पार्षद, स्थानीय विधायक एवं प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया जा चुका है लेकिन अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे स्थानीय रहवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा दिक्कत इस साल हो रही है, क्योंकि तेजी से निर्माण होते जा रहे हैं और पानी निकासी का रास्ता बंद होता जा रहा है। इस बार जिला प्रशासन की टीम को मौके पर बुलाया था, लेकिन कटारा गांव में रहने वाले कुछ लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया जिसके चलते जिला प्रशासन एवं नगर निगम की टीम ने मौके पर खुदाई करने का काम बंद कर दिया।
स्थानीय नागरिकों की मांग है कि क्षेत्र से पानी की निकासी की पुख्ता व्यवस्था की जाए, जिससे इस समस्या का स्थायी समाधान हो सके। हर साल बारिश में पानी भर जाने से करोड़ों रुपए के सामान का नुकसान होता है, वहीं कई बार संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है। आशंका है कि ये अगर गंभीर रूप ले ले तो हजारों लोगों की जान को खतरा हो सकता है।