मेट्रो के दोनों रुटों के लिए कुल 100 एकड़ सरकारी जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। जिसमें पर्पल रूट के लिए 60 और रेड लाइन के लिए 40 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है। इसमें अधिकांश जमीनें सरकारी विभाग के पास हैं। बड़ा हिस्सा नगर निगम के लिया जाना है। ऐसे में 80 फीसदी रूट आसानी से क्लीयर हो जाएगा।