24 घंटे के अंदर सूचना दें तो रकम वापसी संभव
पीडि़त को रकम वापस दिलवाने वित्तीय संस्थाओं को नियम याद दिला रही साइबर क्राइम पुलिस

भोपाल. जामताड़ा और झारखंड के अंदरूनी इलाकों से संचालित हो रही साइबर क्राइम करने वाली गैंग के शिकार लोगों को खाते में रकम वापस दिलाने के लिए साइबर क्राइम पुलिस ने केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत वित्तीय संस्थाओं को नियम कानून की याद दिलाना शुरू कर दिया है। साइबर क्राइम पुलिस ने स्पष्ट किया है कि खाते से रकम निकालने के 24 घंटे के अंदर ही खाता धारक स्थानीय साइबर क्राइम पुलिस से संपर्क कर ले तो संबंधित बैंक से जिस खाते में राशि ट्रांसफर की गई है, उस खाते को फ्रीज करवाया जा सकता है।
ऐसा करने से अपराधी की पहचान भी हो सकती है और धोखाधड़ी से निकाली गई राशि असली बैंक खाता धारक को दिलवाई जा सकती है। एडिशनल एसपी साइबर क्राइम भोपाल संदेश जैन ने बताया कि थाने में आने वाली खाते से पैसा निकलने की हर शिकायत में हमारा सबसे पहला कदम बैंक से संपर्क कर संबंधित खातों को फ्रीज करवाना रहता है। एक बार खाता फ्रीज होने के बाद आपराधिक गतिविधि संचालित करने वाली गैंग खाताधारक के अकाउंट से लूटी हुई रकम को एटीएम और दूसरे माध्यमों से खर्च नहीं कर सकती।
ऑनलाइन मार्केटिंग का डाटा चोरी
पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि ऑनलाइन ट्रेडिंग करने वाली देश की कई वेबसाइटों का डाटा जामताड़ा की लुटेरी गैंग आसानी से हैक करके उड़ा लेती है। इस प्रकार जामताड़ा की गैंग को पता चल जाता है कि किस व्यक्ति ने किस वेबसाइट के माध्यम से क्या खरीदा है। वह असंतुष्ट होने की स्थिति में माल लौटाना चाहता है और रकम वापस अपने खाते में प्राप्त करना चाहता है। इस प्रकार गैंग के सदस्य उसी वेबसाइट का सदस्य बनकर संबंधित को फोन लगाते हैं और खातों की जानकारी लेकर रकम लौटाने की बात कहते हैं। परेशान व्यक्ति अपनी जानकारी देता है और
उसके खाते से रकम उड़ा दी जाती है।
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