यहां हैं कंपनियां
गोविंदपुरा, होशंगाबाद रोड, एमपी नगर, बावडिया कला, चूनाभट्टी, कोलार क्षेत्र में जलापूर्ति ये प्लांट हैं। कुछ शहर के बाहरी क्षेत्रों जैसे मिसरोद, नीलबड़, सीहोर नाका पर भी हैं। हर घर को प्रतिमाह 400 रुपए से 600 रुपए इस पैक पानी के लिए भुगतान करना पड़ रहा है।
गंदा पानी बड़ा कारण
जलापूर्ति का जिम्मा नगर निगम के पास है। पेयजलापूर्ति लाइन का मेंटेनेंस नहीं होने से फिल्टर प्लांट से निकला पानी कई जगह लीकेज से गंदा हो जाता है। शहर के कई क्षेत्रों में गंदे पानी की आपूर्ति की शिकायत बनी रहती है। यही वजह है कि स्वास्थ्य को देखते हुए लोग पेयजल के लिए पैक पानी पर अधिक भरोसा कर रहे हैं।
&पहले गर्मियों में ही पैक पानी की मांग बढ़ती थी, लेकिन अब पूरे साल मांग बनी रहती है। एक साल के दौरान दस से पंद्रह फीसदी मांग बढ़ी है। जिन क्षेत्रों में निगम की लाइन से आ रहे पानी से शिकायत है, वहां पैक पानी का अच्छी मांग है। कोलार, करोद, बैरागढ़ के साथ नेहरू नगर, कोटरा, अरेरा कॉलोनी तक में मांग बढ़ी है।
आरके मेहता, व्यवसायी पैक वाटर
गोविंदपुरा, होशंगाबाद रोड, एमपी नगर, बावडिया कला, चूनाभट्टी, कोलार क्षेत्र में जलापूर्ति ये प्लांट हैं। कुछ शहर के बाहरी क्षेत्रों जैसे मिसरोद, नीलबड़, सीहोर नाका पर भी हैं। हर घर को प्रतिमाह 400 रुपए से 600 रुपए इस पैक पानी के लिए भुगतान करना पड़ रहा है।
गंदा पानी बड़ा कारण
जलापूर्ति का जिम्मा नगर निगम के पास है। पेयजलापूर्ति लाइन का मेंटेनेंस नहीं होने से फिल्टर प्लांट से निकला पानी कई जगह लीकेज से गंदा हो जाता है। शहर के कई क्षेत्रों में गंदे पानी की आपूर्ति की शिकायत बनी रहती है। यही वजह है कि स्वास्थ्य को देखते हुए लोग पेयजल के लिए पैक पानी पर अधिक भरोसा कर रहे हैं।
&पहले गर्मियों में ही पैक पानी की मांग बढ़ती थी, लेकिन अब पूरे साल मांग बनी रहती है। एक साल के दौरान दस से पंद्रह फीसदी मांग बढ़ी है। जिन क्षेत्रों में निगम की लाइन से आ रहे पानी से शिकायत है, वहां पैक पानी का अच्छी मांग है। कोलार, करोद, बैरागढ़ के साथ नेहरू नगर, कोटरा, अरेरा कॉलोनी तक में मांग बढ़ी है।
आरके मेहता, व्यवसायी पैक वाटर