यूं रहे शिवराज के स्टेप-
1- बाढ़ की जानकारी लगते ही शिवराज ने सबसे पहले मंत्रालय में स्टेट सिचुएशन कंट्रोल रूम में जाकर मोर्चा संभाला। अफसरों से पूरे हालात की जानकारी ली।
2- मंगलवार को हवाई दौरा करना तय किया, लेकिन मौसम खराब होने से नहीं जा सके। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात करे एयरफोर्स की व्यवस्था कराई।
3- पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करके पूरी जानकारी दी। एक हजार से ज्यादा गांवों के प्रभावित होने की जानकारी दी।
4- संवेदनशीलता दिखाकर ग्रामीणों से फोन पर बात की। प्रभावित क्षेत्र के तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों से फोन पर बात करके पूरी रिपोर्ट ली।
5- पांच मंत्रियों को जुटाया। नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को राज्य स्तर पर और यशोधरा राजे सिंधिया व महेंद्र सिंह सिसौदिया को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा।
6- शिवराज ने सुबह-शाम बाढ़ की मानीटरिंग की। संबंधित चारों जिलों के कलेक्टरों से बात की। संभागायुक्तों व आईजी से बात की। आस-पास के जिलों को भी सतर्क किया।
7- मणीखेड़ा बांध के गेट खोलने पहले संबंधित जिलों को अलर्ट किया। बांध से 12500 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, उसे घटाकर 10500 क्यूसेक किया।
8- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद फोन करके शिवराज से पूरी स्थिति जानी। शिवराज ने पूरी रिपोर्ट दी। इसके बाद बुधवार सुबह फिर आपात बैठक की। सिचुएशन रूम से लाइव स्थिति जानी।
9- बुधवार दोपहर आपदा बैठक करके फिर संबंधित चारों जिलों के गांवों में हवाई दौरा किया। चार दर्जन से ज्यादा गांवों को देखा। चार घंटे से ज्यादा का समय दौरे में बिताया।
10- हवाई दौरे के बाद भाजपा संसदीय दल की बैठक में शिरकत करने दिल्ली पहुंचे, लेकिन भाजपा अध्यक्ष को पूरी जानकारी देकर अनुमति ले वापस भोपाल बाढ़ आपदा प्रबंधन के आए।
11- बुधवार देर रात दिल्ली से लौटकर वापस आपदा प्रबंधन की बैठक की। आधी रात को संबंधित जिलों से रेस्क्यू की पूरी जानकारी ली। आगे की रणनीति बनाकर निर्देश दिए।
12- गुरुवार के सारे कार्यक्रम सीएम ने रद्द कर दिए। बाढ़ राहत पर विशेष कैबिनेट बैठक बुलाई। इसके अलावा बाढ़ मानीटरिंग के लिए पूरे दिन को रिजर्व किया।
1- बाढ़ की जानकारी लगते ही शिवराज ने सबसे पहले मंत्रालय में स्टेट सिचुएशन कंट्रोल रूम में जाकर मोर्चा संभाला। अफसरों से पूरे हालात की जानकारी ली।
2- मंगलवार को हवाई दौरा करना तय किया, लेकिन मौसम खराब होने से नहीं जा सके। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात करे एयरफोर्स की व्यवस्था कराई।
3- पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करके पूरी जानकारी दी। एक हजार से ज्यादा गांवों के प्रभावित होने की जानकारी दी।
4- संवेदनशीलता दिखाकर ग्रामीणों से फोन पर बात की। प्रभावित क्षेत्र के तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों से फोन पर बात करके पूरी रिपोर्ट ली।
5- पांच मंत्रियों को जुटाया। नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को राज्य स्तर पर और यशोधरा राजे सिंधिया व महेंद्र सिंह सिसौदिया को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा।
6- शिवराज ने सुबह-शाम बाढ़ की मानीटरिंग की। संबंधित चारों जिलों के कलेक्टरों से बात की। संभागायुक्तों व आईजी से बात की। आस-पास के जिलों को भी सतर्क किया।
7- मणीखेड़ा बांध के गेट खोलने पहले संबंधित जिलों को अलर्ट किया। बांध से 12500 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, उसे घटाकर 10500 क्यूसेक किया।
8- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद फोन करके शिवराज से पूरी स्थिति जानी। शिवराज ने पूरी रिपोर्ट दी। इसके बाद बुधवार सुबह फिर आपात बैठक की। सिचुएशन रूम से लाइव स्थिति जानी।
9- बुधवार दोपहर आपदा बैठक करके फिर संबंधित चारों जिलों के गांवों में हवाई दौरा किया। चार दर्जन से ज्यादा गांवों को देखा। चार घंटे से ज्यादा का समय दौरे में बिताया।
10- हवाई दौरे के बाद भाजपा संसदीय दल की बैठक में शिरकत करने दिल्ली पहुंचे, लेकिन भाजपा अध्यक्ष को पूरी जानकारी देकर अनुमति ले वापस भोपाल बाढ़ आपदा प्रबंधन के आए।
11- बुधवार देर रात दिल्ली से लौटकर वापस आपदा प्रबंधन की बैठक की। आधी रात को संबंधित जिलों से रेस्क्यू की पूरी जानकारी ली। आगे की रणनीति बनाकर निर्देश दिए।
12- गुरुवार के सारे कार्यक्रम सीएम ने रद्द कर दिए। बाढ़ राहत पर विशेष कैबिनेट बैठक बुलाई। इसके अलावा बाढ़ मानीटरिंग के लिए पूरे दिन को रिजर्व किया।