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महिलाओं से अपराध कम हुए, दलितों का दमन बढ़ा

locationभोपालPublished: Sep 16, 2021 09:57:08 pm

Submitted by:

manish kushwah

एनसीआरबी की 2020 की रिपोर्ट में खुलासा: अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराधों के मामले में मध्यप्रदेश पहले नंबर पर

महिलाओं से अपराध कम हुए, दलितों का दमन बढ़ा

महिलाओं से अपराध कम हुए, दलितों का दमन बढ़ा

भोपाल. प्रदेश में महिला अपराधों में गिरावट आई है। राष्ट्रीय अपराध रेकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की बुधवार को जारी रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आए हैं। वर्ष 2018 में महिलाओं के साथ अपराध के 28,942 केस दर्ज हुए थे, जबकि 2019 में आंकड़ा 27,560 था। अब ताजा रिपोर्ट में यह 25,640 पर आ गया है, यानी दो साल में ही 3300 से ज्यादा केस कम हुए। हालांकि चिंता की बात यह है कि दलितों से अपराध में उछाल आया है। 2020 में मप्र अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के खिलाफ अपराधों में देश में प्रदेश पहले नंबर पर है। इस वर्ग के खिलाफ 2401 अपराध दर्ज हुए थे, जबकि वर्ष 2019 में 1922 केस थे। वहीं, प्रदेश में अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के खिलाफ हुए अपराधों की संख्या 6899 रही। इस श्रेणी में प्रदेश तीसरे नंबर पर रहा। वहीं, कुल अपराधों के मामले में मप्र देशभर में पांचवें नंबर पर है। लॉकडाउन के कारण यात्री टे्रनों का संचालन लंबे समय तक बंद रहने से रेल संबंधी अपराधों में कमी आई है। इस साल 2019 केस दर्ज हुए, 2019 में आंकड़ा 6144 पर था।
इधर, बच्चों के खिलाफ अपराध में भी प्रदेश की स्थिति चिंताजनक है। यहां दैहिक दुव्र्यव्हार के शिकार बच्चों की संख्या 5603 रही। 2,339 महिलाएं बलात्कार की शिकार हुईं। रोजाना औसत 6 महिलाओं से बलात्कार के मामले आए।
सबसे ज्यादा बच्चे यहीं गुम
बलात्कार के बाद हत्या के मामले में भी मध्यप्रदेश देश में दूसरे नंबर पर है। यहां ऐसे 27 मामले सामने आए, जबकि एसिड अटैक के चार केस दर्ज हुए।
इंटरनेट के जरिए दुव्र्यव्हार के 5431 मामलों के साथ मप्र पांचवें नंबर पर है। बच्चों के खिलाफ अपराधों की संख्या 17008 रही, जो देश में सबसे अधिक है।
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