यहां बनने थे ब्रिज
मार्च 2019 में भोपाल के लिए केंद्र सरकार ने रोशनपुरा चौराहा से राज भवन चौराहा तक, हमीदिया रोड पर काली मंदिर तलैया से रेलवे स्टेशन तिराहा, नादरा बस स्टैंड भोपाल टॉकीज चौराहे से शाहजहांनाबाद थाने तक, काली माता मंदिर के सामने से हमीदिया-जीपीओ पोस्ट ऑफिस तक, रोशनपुरा चौराहा से बाणगंगा चौराहा पॉलिटेक्निक चौराहा तक ब्रिज मंजूर किए गए थे। इनके लिए शुरुआती तौर पर 1000 करोड़ रुपए की राशि पर सहमति बनी थी। तीन साल बीतने के बाद भी महज 30 फ़ीसदी ही काम शुरू हो पाया है।
मार्च 2019 में भोपाल के लिए केंद्र सरकार ने रोशनपुरा चौराहा से राज भवन चौराहा तक, हमीदिया रोड पर काली मंदिर तलैया से रेलवे स्टेशन तिराहा, नादरा बस स्टैंड भोपाल टॉकीज चौराहे से शाहजहांनाबाद थाने तक, काली माता मंदिर के सामने से हमीदिया-जीपीओ पोस्ट ऑफिस तक, रोशनपुरा चौराहा से बाणगंगा चौराहा पॉलिटेक्निक चौराहा तक ब्रिज मंजूर किए गए थे। इनके लिए शुरुआती तौर पर 1000 करोड़ रुपए की राशि पर सहमति बनी थी। तीन साल बीतने के बाद भी महज 30 फ़ीसदी ही काम शुरू हो पाया है।
ये सड़कें होनी थी चौड़ी इसके साथ ही वीआईपी रोड, कोलार रोड, चूना भट्टी रोड, हमीदिया रोड समेत सात सड़कों का चौड़ीकरण प्रस्ताव भी केंद्र में मंजूर किया था। चुनावी मौसम में मंजूर इन प्रोजेक्ट को बाद में पीडब्ल्यूडी ने पूरी मंशा से आगे नहीं बढ़ाया। स्थिति यह रही कि अभी तक इनका फीजिबिलिटी सर्वे तक नहीं हो पाया। हाल में मुख्यमंत्री ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को इन प्रोजेक्ट्स पर काम तेज करने का कहा है।
इसलिए जरूरी है ब्रिज- सड़कों की चौड़ाई
प्लानिंग एक्सपर्ट कंसलटेंट रोहित गुप्ता का कहना है कि बीते 5 साल में सिटी ट्रैफिक 60 फीसदी तक बढ़ा है। यानी हर 8 से 9 साल में ट्रैफिक की रफ्तार दोगुनी हो रही है। सड़कें पुरानी ही स्थिति में हैं, ऐसे में इन पर जाम आम हो गया है। ट्रैफिक को रफ्तार देने के लिए सार्वजनिक परिवहन जैसे बीआरटीएस-मेट्रो ट्रेन के प्रोजेक्ट को तो तेजी से पूरा करना ही होगा, साथ ही संबंधित सड़कों को चौड़ा करना और नए ब्रिज बनाना बेहद जरूरी है।
प्लानिंग एक्सपर्ट कंसलटेंट रोहित गुप्ता का कहना है कि बीते 5 साल में सिटी ट्रैफिक 60 फीसदी तक बढ़ा है। यानी हर 8 से 9 साल में ट्रैफिक की रफ्तार दोगुनी हो रही है। सड़कें पुरानी ही स्थिति में हैं, ऐसे में इन पर जाम आम हो गया है। ट्रैफिक को रफ्तार देने के लिए सार्वजनिक परिवहन जैसे बीआरटीएस-मेट्रो ट्रेन के प्रोजेक्ट को तो तेजी से पूरा करना ही होगा, साथ ही संबंधित सड़कों को चौड़ा करना और नए ब्रिज बनाना बेहद जरूरी है।
शहर में कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। हमारे प्रोजेक्ट तेजी से पूरे भी हो रहे हैं। जो प्रोजेक्ट प्लानिंग में हैं, उन पर भी जल्दी काम शुरू करने वाले हैं। सुभाष ब्रिज को भी अब शुरू कर दिया जाएगा।
– संजय खांडे, चीफ इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी
– संजय खांडे, चीफ इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी