भोपाल

भोपाल की पटियाबाजी

भोपाल. पुराने शहर में आज भी पटियाबाजी जिंदा है। रात में लोग जुटते हैं और दुनिया जहान की बातें करते हैं। इब्राहिमपुरा में चटोरी गली है। चौक बाजार, सर्राफा मार्केट में दिनभर गहने बिकते हैं।

भोपालFeb 23, 2023 / 07:32 pm

jitendra yadav

tea shop


भोपाल. पुराने शहर में आज भी पटियाबाजी जिंदा है। रात में लोग जुटते हैं और दुनिया जहान की बातें करते हैं। इब्राहिमपुरा में चटोरी गली है। चौक बाजार, सर्राफा मार्केट में दिनभर गहने बिकते हैं। रात 10 बजे के बाद यहां चटोरों की महफिल सजती है। तरह-तरह के ठेले। भांति-भांति के व्यंजन। चाट, फुलकी, मोमोज, समोसे और भी कई तरह के स्ट्रीट फूड। काजी कैम्प में बिरयानी, चिकन और कई बैरायटी के सूप मिलते हैं। भोपाल रेलवे स्टेशन के 6 नंबर प्लेटफार्म के सामने बन रहे बस स्टैंड के आसपास भी स्ट्रीट फूड के दर्जनों ढेले खड़े होते हैं। पत्रिका ने पुराने भोपाल जायजा लिया। पेश है रिपोर्ट…
जुमेराती गेट
सराफा चौक में सोने-चांदी के व्यापारी दुकानें बंद कर रहे हैं। उधर, खान-पान ठेले सजने शुरू हो गए हैं। जुमेराती गेट के आसपास भीड़ जमनी शुरू हो गयी है। 60 से 70 ठेलों पर पानीपुरी, आलू पराठा, छोला-टिकिया, इडली,मसाला डोसा, नूड्ल्स, अंकुरित स्प्राउड, रबड़ी-जलेबी, पोहा, छोले-भटूरा, गुलाब जामुन की दुकानें सजी हैं। अलग-अलग फ्लेवर में सोडा पानी मसाले के साथ लस्सी के अलावा नींबू-पानी के भी ठेले लगे हैं। पुलिस की वैन सडक़ घेरने वालों को चेतावनी देती हुई गुजरती है। लेकिन इन सबसे बेफ्रिक भोपाली खाने-पीने में मस्त हैं।
वीआइपी रोड
रहीम चाचा दुकान बंद कर रात 11 बजे परिवार सहित राजाभोज की प्रतिमा के समक्ष बेटी को आइसक्रीम खिला रहे हैं। राजू ने यहां अपा मूङ्क्षवग टी स्टाल लगा रखा है। बड़े तालाब के किनारे फुटपाथ पर भीड़ है। कोई प्रतिमा के साथ सेल्फी लेने में मशगूल है तो कोई तालाब में पड़ रही रंगबिरंगी लाइटों को अपने कैमरे में कैद कर रहा है। दूसरी ओर की सडक़ पर कुछ युवा बाइकों पर स्टंट भी कर रहे हैं। कुछ रात के सन्नाटे को अपनी बाइक की आवाज से चीरते हुए रेस लगा रहे हैं। कुछ युवाओं का गु्रप म्यूजिक सिस्टम पर पुराने फिल्मी गानों को गुनगुना रहे हैं।
इकबाल मैदान
रात करीब करीब 12 बजे। यहां युवाओं और बुजुर्ग का गुट जमा है। शतरंज की बिसात के साथ अंतहीन चर्चाओं का दौर जारी है। दांव पर लगी एक प्याली चाय। पुरानी इमारतों के साये में बैठे शतरंजबाजों कहीं इमारतों को बचाने की फिक्र है तो कहीं व्यापार की बात। 82 साल के मुनव्वर ने शतरंज की एक गोटी आगे बढ़ाई और बोले मियां बचके दिखाओ। खेल संजीदा होते देख चर्चा थम गयी। यहां हर रात शह और मात के खेल में पूरी रात
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