देश के किसी भी कोने में किया है क्राइम तो नहीं बनेगा पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस
भोपालPublished: Jun 22, 2023 09:56:50 pm
-मप्र पुलिस ने शुरू की नई व्यवस्था, फिंगर प्रिंट्स की जांच रिपोर्ट लेना होगा अनिवार्य
-नेफिस सॉफ्टवेयर के जरिये जांचे जाएंगे फिंगरप्रिंट, जिला मुख्यालयों पर हो सकेगी स्केनिंग


देश के किसी भी कोने में किया है क्राइम तो नहीं बनेगा पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस
मनीष कुशवाह
भोपाल. अब विदेश यात्रा के लिए पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस के लिए जरूरी पुलिस की एनओसी और जांच रिपोर्ट में किसी भी तरह के तथ्य चाहकर भी नहीं छिपाए जा सकेंगे। दरअसल, इन दोनों ही तरह की एनओसी में आवेदक को फिंगर प्रिंट्स की जांच करवाना जरूरी होगा। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय से सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। आवेदकों के फिंगर प्रिंट्स को नेफिस (नेशनल ऑटोमेटिक फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन) सॉफ्टेवयर में फीड करके जांचा जाएगा। बता दें, नेफिस में प्रदेश ही नहीं देशभर के अपराधियों और किसी न किसी अपराध में लिप्त रहे डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों के फिंगरप्रिंट्स उपलब्ध हैं। इन फिंगर प्रिंट्स के साथ संबंधित पर दर्ज अपराधों की पूरी डिटेल यहां है। बता दें, लोगों की सुविधा के लिए स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी)की इकाई मप्र फिंगर प्रिंट रिकॉर्ड ब्यूरो ने जिला स्तर पर फिंगर प्रिंट अधिकारी की तैनाती के साथ ही लाइव स्केनर मुहैया कराए हैं। पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस आवेदकों की सुविधा के लिए फिंगर प्रिंट्स लेकर उन्हें नेफिस सिस्टम की मदद से स्केन कर रिपोर्ट जारी की जाएगी। यदि किसी आवेदक का क्राइम रिकॉर्ड मिलता है तो उसे इस रिपोर्ट में लिखा जाएगा। गौरतलब है कि एक साल या इससे अधिक सजा वाले अपराधों में आरोपी के फिंगर प्रिंट्स थानों में लिए जाते है। इसके अलावा सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदियों के फिंगर प्रिंट्स भी अपराधों की पूरी सूची के साथ इस सिस्टम में उपलब्ध हैं।