दरअसल, यह मामला भोपाल के कटारा हिल्स इलाके का है। महिला अपने पति के साथ वहां रहती है। पति अभी यूपीएससी की तैयारी कर रहा है। इसलिए वह ज्यादातर वक्त वह किताबों में खोया रहता था। इस वजह से पत्नी की तरफ ध्यान ही नहीं जाता था। महिला का आरोप है कि वह पढ़ाई में इतना खोए रहता है कि कई बार पूरे दिन उससे बात नहीं हो पाती है।
बाहर ले जाने का तो पति नाम हीं नहीं लेता
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुटुंब न्यायालय में पत्नी ने कहा कि कई बार वह अपने पति को शॉपिंग या फिर सिनेमा ले जाने के लिए कहा लेकिन पति ने कभी उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। यहां तक कि वह अपने रिश्तेदारों के घर भी नहीं जाता। पत्नी ने कहा कि शादी को दो वर्ष हो गए। पति सिर्फ अपनी कोचिंग और तैयारी पर ही ध्यान देता है। मेरे लिए पति का होना या न होना बराबर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुटुंब न्यायालय में पत्नी ने कहा कि कई बार वह अपने पति को शॉपिंग या फिर सिनेमा ले जाने के लिए कहा लेकिन पति ने कभी उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। यहां तक कि वह अपने रिश्तेदारों के घर भी नहीं जाता। पत्नी ने कहा कि शादी को दो वर्ष हो गए। पति सिर्फ अपनी कोचिंग और तैयारी पर ही ध्यान देता है। मेरे लिए पति का होना या न होना बराबर है।
दोनों को काउंसलिंग के लिए बुलाया
वहीं, महिला की अर्जी के बाद काउंसलर नुरान्निशा खान ने दोनों को काउंसलिंग के लिए बुलाया। तब पति ने कहा कि उसने यूपीएससी को अपना लक्ष्य बनाया हुआ है। ऐसे में उसका ज्यादातर वक्त कोचिंग और पढ़ाई में निकलता है। काउंसलर के मुताबिक पति को अपनी पत्नी से किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं है, लेकिन उसे लगता है कि उसका वैवाहिक जीवन सही नहीं चल रहा है और मैं भी नहीं चाहता कि स्थितियां आगे जाकर और बिगड़े।
वहीं, महिला की अर्जी के बाद काउंसलर नुरान्निशा खान ने दोनों को काउंसलिंग के लिए बुलाया। तब पति ने कहा कि उसने यूपीएससी को अपना लक्ष्य बनाया हुआ है। ऐसे में उसका ज्यादातर वक्त कोचिंग और पढ़ाई में निकलता है। काउंसलर के मुताबिक पति को अपनी पत्नी से किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं है, लेकिन उसे लगता है कि उसका वैवाहिक जीवन सही नहीं चल रहा है और मैं भी नहीं चाहता कि स्थितियां आगे जाकर और बिगड़े।
दोनों को दिया वक्त
काउंसर ने दोनों को एक महीने का वक्त दिया है। आप दोनों फिर से अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। साथ ही यह सलाह भी दिया है कि दोनों एक-दूसरे के लिए वक्त निकालें। पत्नी फिलहाल अपने मायके में है और वह तलाक देने पर ही जोर दे रही है। महिला मुंबई की रहने वाली है, उसका यहां कोई रिश्तेदार भी नहीं है
काउंसर ने दोनों को एक महीने का वक्त दिया है। आप दोनों फिर से अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। साथ ही यह सलाह भी दिया है कि दोनों एक-दूसरे के लिए वक्त निकालें। पत्नी फिलहाल अपने मायके में है और वह तलाक देने पर ही जोर दे रही है। महिला मुंबई की रहने वाली है, उसका यहां कोई रिश्तेदार भी नहीं है