सीएम कमलनाथ ने बैठक के दौरान कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार माध्यमों को सशक्त बनाया जाना चाहिए। ताकि सूचनाओं का संग्रहण त्वरित गति से हो और कार्रवाई समय पर हो। उन्होंने कहा कि राज्य में नक्सल समस्या को खत्म करने के लिए सभी प्रयास किए गए हैं। सीएम ने इसे स्थाई रूप से खत्म करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयास की आवश्यकता बताई।
प्रदेश में किये जा रहे हैं ये काम
वहीं, सीएम कमलनाथ ने प्रदेश में अब तक नक्सलवाद के खिलाफ उठाए गए कदम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कि वर्ष 2000 में हॉक बल बनाया गया था। इसमें सहभागिता आधारित विकास नीतियों के कारण नक्सलवाद को केवल दो जिलों बालाघाट और मंडला की सीमा तक सीमित करने में सफलता मिली। राज्य पुलिस को महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ समन्वय बनाने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस बल के आधुनिकीकरण पर अधिक जोर दिया गया है। वे आधुनिक गैजेट्स जैसे ट्रैकर्स, जीपीएस, ड्रोन, ट्रैप कैमरा, बॉडी प्रोटेक्टिव आर्मरेस और जंगल रिस्ट वाहनों से लैस हैं। सीएम कमलनाथ ने यह भी कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष खुफिया शाखा बनाई गई है।
वहीं, सीएम कमलनाथ ने प्रदेश में अब तक नक्सलवाद के खिलाफ उठाए गए कदम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कि वर्ष 2000 में हॉक बल बनाया गया था। इसमें सहभागिता आधारित विकास नीतियों के कारण नक्सलवाद को केवल दो जिलों बालाघाट और मंडला की सीमा तक सीमित करने में सफलता मिली। राज्य पुलिस को महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ समन्वय बनाने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस बल के आधुनिकीकरण पर अधिक जोर दिया गया है। वे आधुनिक गैजेट्स जैसे ट्रैकर्स, जीपीएस, ड्रोन, ट्रैप कैमरा, बॉडी प्रोटेक्टिव आर्मरेस और जंगल रिस्ट वाहनों से लैस हैं। सीएम कमलनाथ ने यह भी कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष खुफिया शाखा बनाई गई है।
कनेक्टिविटी है मुख्य मुद्दा
सीएम कमलनाथ ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में खराब कनेक्टिविटी मुख्य मुद्दा है, जिससे सूचनाएं संग्रह करने और आपस में साझा करने में बाधा उत्पन्न होती है। उन्होंने बालाघाट और मंडला जिलों में कम से कम फोर-जी कनेक्टिविटी का प्रावधान करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि खराब टेलिफोन और मोबाइल नेटवर्क कवरेज के कारण नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार नेटवर्क, पुलिस वायरलेस पर बहुत अधिक निर्भर है। आदिवासी ब्लॉक में केवल पचास फीसदी टूजी कनेक्टिविटी है।
सीएम कमलनाथ ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में खराब कनेक्टिविटी मुख्य मुद्दा है, जिससे सूचनाएं संग्रह करने और आपस में साझा करने में बाधा उत्पन्न होती है। उन्होंने बालाघाट और मंडला जिलों में कम से कम फोर-जी कनेक्टिविटी का प्रावधान करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि खराब टेलिफोन और मोबाइल नेटवर्क कवरेज के कारण नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार नेटवर्क, पुलिस वायरलेस पर बहुत अधिक निर्भर है। आदिवासी ब्लॉक में केवल पचास फीसदी टूजी कनेक्टिविटी है।
कमलनाथ ने पीएमजीवाई के तहत डीएमजी को बालाघाट में दो सड़कों और एक पुल और मंडला जिलों में दो सड़कों और तीन पुलों के निर्माण के लिए प्रस्तुत प्रस्ताव अनुसार 33 करोड़ 74 लाख रुपये मंजूर करने का अनुरोध किया। साथ ही बालाघाट और मंडला के एक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय स्थापित करने के लिए साल 2019-20 के लिए धनराशि को जल्द मंजूरी देने का अनुरोध किया।