scriptभालुओं को मार उनके प्राइवेट पार्ट को खाता था यह, 15 साल की उम्र से कर रहा है ऐसा | Bhopal: poacher yaarleen killed bears he is famous to eat private part | Patrika News

भालुओं को मार उनके प्राइवेट पार्ट को खाता था यह, 15 साल की उम्र से कर रहा है ऐसा

locationभोपालPublished: Oct 23, 2019 02:30:48 pm

Submitted by:

Muneshwar Kumar

मध्यप्रदेश सहित महाराष्ट्र वन मंडल के भी कई हिस्सों में यारालीन के खिलाफ दर्ज हैं मामले

01_2.png
भोपाल/ मध्यप्रदेश फॉरेस्ट एटीएस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। दो दिन पहले गुजरात से कुख्यात शिकारी यारलेन को गिरफ्तार किया है। यारलेन के बार में कई किस्से हैं। जानवरों के साथ दरिंदगी ऐसे करता था कि जिसके बार में जानकर आपकी रूह कांप जाएगी। 19 अक्टूबर को मध्यप्रदेश एटीएस ने इसे रेलवे स्टेशन आनंद गुजरात से पकड़ा है। कहा जाता है कि यह भालुओं को मार उनके प्राइवेट पार्ट को काटकर खा जाता था।
गिरफ्तार शिकारी के नाम भी कई हैं। कहीं लोग इसे यारालीन, तो कहीं लूजालेन और कहीं जसरथ के नाम से जानते थे। यह इससे पहले भी मध्यप्रदेश पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। 2014 में कोर्ट से जमानत मिलने के बाद से यह फरार चल रहा था। इसके बाद से वह मध्यप्रदेश और गुजरात के गावों में अपना ठिकाना बदलकर रह रहा था। यह भालुओं के साथ-साथ बाघों का भी शिकार करता है।
Tiger Death Pesticide
प्राइवेट पार्ट को जाता था खा
इसके बारे में चर्चा यह भी है कि यह भालुओं के शिकार के बाद उनके प्राइवेट पार्ट को काटकर खा जाता था। इसके पीछे की वजह है कि आदिवासी इलाकों में यह किवंदती हैं कि उसे खाने से पौरुषार्थ बढ़ता है। हालांकि इसके बार में कोई साइंटिफिक तर्क नहीं है। यारालीन प्राइवेट पार्ट को खाने के बाद बाकी के अंगों को वह अंतर्राष्ट्रीय तस्कर को बेच देता था। जिसका इस्तेमाल कई दवाओं के निर्माण में होता है।
झाड़ी में छुपा था भालू, युवक को देखते ही किया हमला, सिर और हाथ में आई गंभीर चोट
तीन फर्जी आधार कार्ड भी मिले
यहीं नहीं एसटीएफ की टीम ने जब इसे गिरफ्तार किया तो इसके पास तीन आधार कार्ड भी मिले हैं। जिन पर अलग-अलग नाम दर्ज हैं। इसके साथ ही यह विभिन्न जगहों का फर्जी वोटर आईडी कार्ड भी बनवा रखा था। वो एसटीएफ के रडार पर तभी से साथ जब से कुछ मृत भालुओं के प्राइवेट पार्ट गायब मिले। अभी यह गुजरात के वडोदरा हाइवे पर एक झोपड़ी में रह रहा था।
देर रात इंदौर से रवाना हुए शेर, बाघ और भालू

15 साल की उम्र से कर रहा था ऐसा
यारालीन 15 साल की उम्र से ही ऐसा कर रहा था। वह इसी उम्र से जंगलों में जाकर जंगली जानवरों का शिकार करता था। इस उम्र से ही वह भालुओं और बाघों का शिकार करता था। इस पर बाघों के शिकार का भी मामला दर्ज है। कहा जाता है कि जसरथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर के तस्करों जानवरों के अंगों का बड़ा सप्लायर था। उससे मिली जानकारी के आधार पर फॉरेस्ट एसटीएफ इससे जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है।
Breaking News: शौच करने गई भाभी को भालू ने मार डाला, 2 घंटे बाद देवर को भी कर दिया लहूलुहान, छिपा था मक्के की खेत में
दूसरे राज्यों में भी दर्ज हैं मामले
यारालीन पर सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं महाराष्ट्र में भी मामले दर्ज हैं। जून 2013 में नागपुर वन मंडल में बाघ का शिकार। जुलाई 2013 में मेंलघाट टाइगर रिजर्व अमरावाती में बाघ और भालू का शिकार। जनवरी 2013 में वन मंडल पश्चिम मंडला में भालू का शिकाऱ। मार्च 2013 में वन मंडल पश्चिम मंडलार में भालू का शिकार। फरवरी 2013 में पेंच टाइगर रिजर्व सिवन में बाघ के शिकार। इसके साथ ही कई ऐसे मामले भी हैं जो दर्ज नहीं है।

ट्रेंडिंग वीडियो