7 December 2025,

Sunday

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जस्ट डायल पर फर्जी किसान बनकर गेहूं का स्टॉक बेचने का झांसा

व्यापारी से 4570000 की धोखाधड़ी साइबर क्राइम पुलिस ने ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाली गैंग के चार अन्य आरोपी भी पकड़े पांच आरोपी भोपाल जेल में पहले से है बंद बिजनेस प्रमोशन वेबसाइट जस्ट डायल पर फर्जी किसान बनकर सैकड़ों कुंटल गेहूं का स्टॉक बेचने का झांसा देकर लोगों को लूटने वाली गैंग के चार और आरोपियों को साइबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है

2 min read
Google source verification
police arrest rahul dave

demo pic

इससे पहले साइबर क्राइम भोपाल ने इस गैंग के 5 आरोपियों को पकड़ कर न्यायालय में पेश किया था जहां से सभी को जेल भेज दिया गया डीसीपी अमित कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी प्रवीण कुमार एवं राजस्थान फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं एवं ग्राहक सेवा केंद्र संचालित कर लोगों से लूटा हुआ पैसा एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर करते हैं इनके सहयोग के लिए हरदोई उत्तर प्रदेश में रहने वाले दो आरोपी आशीष कुमार एवं आनंद कुमार सिंह काम कर रहे थे दोनों आरोपी बैंक में खाता खुलवा कर धोखाधड़ी पूर्वक 84 इन खातों में ट्रांसफर करवाते थे चारों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि आरोपी अनाज का स्टॉक खरीदने वाले व्यापारियों को ठगने के लिए जस्ट डायल वेबसाइट पर अपना एवं अपनी मर्जी कंपनी की जानकारियां दर्ज करवाते थे एसएम एक्सपोर्ट कंपनी का संचालक बनकर आरोपियों ने व्यापारी आनंद कुमार को 1250 दंगे हूं सप्लाई करने का झांसा दिया था ट्रांसपोर्टेशन एवं बारदाना के लिए आरोपियों ने व्यापारी से एडवांस पेमेंट के नाम पर 4570000 अलग-अलग बैंक खातों में प्राप्त कर लिए थे पैसा ट्रांसफर होने के बाद आरोपियों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए थे इसके बाद से व्यापारी परेशान हो रहा था 3 दिसंबर 2021 को कोई धोखाधड़ी के बाद व्यापारी ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम पुलिस में की थी जिसके बाद प्रकरण दर्ज कर विवेचना की जा रही थी।

माल दिखाकर भरोसा जीता
गैंग का मुख्य आरोपी अंशु सिंह एवं गोपाल सोमवंशी जस्टि्डायल से इंक्वायरी देखकर अपने अन्य सहयोगियों को सक्रिय करते थे आरोपी यह पता लगाते थे कि किस व्यापारी को गेहूं खरीदने की जरूरत है इसके बाद वह व्यापारी के पते ठिकाने के आसपास किसी दूसरे मार्केट में सपोर्ट किया गया गेहूं का एड्रेस शिकार को बताते थे गेहूं खरीदने की नियत से संबंधित व्यापारी स्टॉक देख कर आता था और ऑनलाइन आरोपियों से डील करने लगता था इस प्रकार किसी और का गेहूं बेचने के नाम पर आरोपी आसानी से व्यापारियों को ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार बना रहे थे।