20 जून को होगी स्क्रूटनी निर्वाचन की सूचना, सीटों के आरक्षण की सूचना और मतदान केन्द्रों की सूची का प्रकाशन और नामांकन पत्र दाखिल करने का काम 11 जून को सुबह 10:30 बजे से शुरू होगा। नामांकन पत्र लेने की अंतिम तारीख 18 जून (अपरान्ह 3 बजे तक) तय की गई है। नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी (संवीक्षा) 20 जून को होगी। उम्मीदवारी से नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 22 जून (अपरान्ह 3 बजे तक) है। इसी दिन अभ्यार्थियों को चुनाव चिन्ह (सिंबल) का अलॉट किए जाएंगे।
नगरीय निकाय की वोटिंग पहले चरण का मतदान 6 जुलाई और दूसरे चरण का मतदान 13 जुलाई को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। प्रथम चरण के मतदान की मतगणना और परिणाम की घोषणा 17 जुलाई और दूसरे चरण के मतदान की मतगणना और परिणाम की घोषणा 18 जुलाई को सुबह 9 बजे से होगी।
347 नगरीय निकायों में होगा चुनाव निर्वाचन 347 नगरीय निकायों में होगा। इनमें नगरपालिक निगम 16, नगर परिषद 76 और 255 नगर परिषद् हैं। आयोग द्वारा 347 नगरीय निकायों के पार्षद और 16 नगरपालिक निगमों के महापौर का निर्वाचन प्रत्यक्ष प्रणाली से कराया जा रहा है। नामांकन फार्म के साथ प्रत्याशी को निक्षेप राशि भी जमा करनी होगी। महापौर के लिए 20 हजार, नगरपालिक निगम के पार्षद के लिए 5 हजार, नगरपालिका परिषद् के लिए 3 हजार और नगर परिषद के पार्षद के लिए एक हजार रूपये की निक्षेप राशि निर्धारित है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछडा़ वर्ग एवं महिला अभ्यर्थी के मामले में निर्धारित निक्षेप राशि की आधी राशि जमा करनी होगी।
एफिडेविट में देना होगा आपराधिक रिकॉर्ड नामांकन के साथ अभ्यर्थी को निर्धारित प्रारूप में शपथ-पत्र प्रस्तुत करना होगा। शपथ-पत्र में अभ्यर्थी के आपराधिक रिकार्ड, आस्तियों, दायित्वों तथा शैक्षणिक अर्हता की घोषणा होगी। रिटर्निग आफिसर द्वारा इस जानकारी का सार्वजनिक प्रदर्शन कार्यालय के सूचना पटल पर किया जायेगा। नगरीय निकाय निर्वाचन में ”नोटा” (इनमें से कोई नहीं) का विकल्प उपलब्ध होगा। रिटर्निग आफिसर के कक्ष में नाम निर्देशन-पत्र प्रस्तुत किये जाने के दौरान अभ्यर्थी के साथ अधिकतम 3 व्यक्ति प्रवेश कर सकेंगे।
आरक्षित वर्ग के पदों के अभ्यर्थियों को देना होगा जाति प्रमाण-पत्र अभ्यर्थी के लिए नाम निर्देशन-पत्र में संगत स्थान पर अपनी जाति/वर्ग का स्पष्ट उल्लेख करना आवश्यक है। आरक्षित पद से निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी से यह अपेक्षा रहेगी कि वे नाम निर्देशन-पत्र के साथ मध्यप्रदेश शासन के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी शासन के निर्धारित विहित प्ररूप में जाति प्रमाण-पत्र संलग्न करें। मध्यप्रदेश शासन के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत न करने वाले अभ्यर्थी का (आरक्षित वर्ग का सदस्य नहीं होने की स्थिति में) नाम निर्देशन-पत्र निरस्त किया जा सकेगा।