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प्रवासी पक्षियों के कलरव से आबाद हुए भोपाल के तालाब

locationभोपालPublished: Jan 03, 2019 07:55:29 pm

Submitted by:

Rohit verma

ठंड बढऩे के साथ-साथ हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी आने लगे हैं भोपाल

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प्रवासी पक्षियों के कलरव से आबाद हुए भोपाल के तालाब

भोपाल से रोहित वर्मा की रिपोर्ट. भोज ताल, केरवा, कलियासोत, अजनाल, घोड़ापछाड़, शाहपुरा तालाब इन दिनों प्रवासी पक्षियों के कलरव का प्रमुख स्थान बने हुए हैं। ये सभी जलक्षेत्र प्रवासी पक्षियों के लिए महत्वपूर्ण हैं। बड़ा तालाब प्रवासी पक्षियों के लिए अति महत्वपूर्ण क्षेत्र में से एक है इसको महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र सहित रामसार का दर्जा भी प्राप्त है।

ठंड बढऩे के साथ साथ हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी भोपाल आते हैं। प्रवासी पक्षियों के बहुत से झुण्ड हजारों किलोमीटर का सफर तय करके भोपाल की बड़ी झील पर आए हैं इनमे रेड के्रस्टेड पोचार्ड, गढ़वाल, कॉमन टील, स्पॉट बिल डक, मार्श हरियर, कॉमन कूट, पिन टेल, कोंब डक, ग्लॉसी आइबिस, येलो वैगटेल, मार्श सैंडपीपर आदि को प्रमुख रूप से चिन्हित किए गए हैं।

 

ग्लासी आइबिस, कोंब डक की अठखेलियां
नॉर्थेर्न पिनटेल: पॉलीअरटिक रीजन से प्रवास करते हैं।
गढ़वाल: नार्थ अमेरिका, नार्थ ओर सेंट्रल यूरेशिया से प्रवास करते हैं।
यूरेशियन विजिओन: आइसलैंड, नार्थ यूरोप और नार्थ एशिया से प्रवास करते हैं।
कॉमन कूट : यूरोप ,सेंट्रल एशिया और जापान से प्रवास करते हैं।
कॉमन टर्न : नार्थ अमेरिका, अटलांटिक आइलैंड और यूरोप से प्रवास करते हैं
भोपाल के जल क्षेत्रों में कई दुर्लभ पक्षी भी देखे जा सकते हैं इनमे प्रमुख हैं।

तुर्की, रूस और चीन से आते हैं ग्रे-लेग गूज

भोपाल की बड़ी झील पर कभी कभी दिखाई देने वाले ग्रे लेग गूज को भी पक्षी दर्शन के दौरान देखा ये पक्षी 2017 को जनवरी माह में देखा गया था। ये पक्षी 2017 के पहले झील पर नहीं दिखाई दिए हैं। इन पक्षियों को केवल 4 के समूह में देखा गया। 2018 में इनकी संख्या लगभग 80 के करीब है। ये पक्षी रोमानिया , तुर्की , रूस तथा नार्थ ईस्ट चीन से प्रवास कर हमारे यहाँ आए हैं।

 

संरक्षण के प्रयासों से बड़ी सारस पक्षी की संख्या : भोपाल के जलाशयों के आस पास जागरूकता कार्यक्रम के प्रयास के सफल नतीजे आज हमको देखने को मिल सकते हैं जहाँ भोपाल में विरले दिखने वाले सारस पक्षियों की संख्या बढ़ती जा रही है। सारस पक्षी एक संकटग्रस्त प्रजाति है। ये पक्षी विश्व की सबसे बडेे उडऩे वाले पक्षी हैं।

ग्रेटर फ्लेमिंगो
भोपाल की बड़ी झील में ये पक्षी जून से जुलाई 2018 में देखे गए इनकी संख्या लगभग 16 थी। ये पक्षी गुजरात एवं महाराष्ट्र से प्रवास कर भोपाल आते हैं।

ब्लैक नैक स्टोर्क
ये पक्षी श्रीलंका का राष्ट्रीय पक्षी है एवं 1 पक्षी को वर्ष 2016 में भोज ताल एवं दो पक्षियों को हलाली जलाशय में देखा गया था।

इनके संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयास
इनके संरक्षण के लिए इन क्षेत्रो के आस पास रहने वाले ग्रामीणों को जागरूक करने के प्रयास लगातार भोपाल बड्र्स संस्था द्वारा किये जा रहे हैं। इन प्रयासों में पक्षी दर्शन शिविर के माध्यम से पक्षियों को चिन्हित कर इनका संरक्षण करना, जैविक खेती हेतु ग्रामीणों को जागरूक करना, ग्रामीणों द्वारा स्वयं की कृषि भूमि पर जैवविविधता जागरूकता केंद्रों की स्थापना, ग्रामीणों की मदद से पक्षियों के अवैध शिकार पर रोक एवं जागरूकता आदि शामिल हैं। इसके सद्परिणाम आएंगे।

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