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स्टेशन बन रहा अपराधियों का अड्डा, जीआरपी में 100 जवान, 80 सीसीटीवी सुरक्षा में नाकाम

locationभोपालPublished: Jul 21, 2019 10:55:56 am

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

80 सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग के लिए अलग से कंट्रोल रूम है। मॉनिटरिंग नहीं होने से आज तक पुलिस किसी अपराधी, संदिग्ध को बिना सूचना के नहीं पकड़ सकी। हर रोज दो से अधिक अपराध दर्ज हो रहे हैं।

BHOPAL railway station

भोपाल. संगीन अपराध को अंजाम देने वाले शातिर अपराधियों के लिए भोपाल रेलवे स्टेशन पनाहगाह बन गया है। संदिग्धों की सर्चिंग-धरपकड़ नहीं होने से स्टेशन, स्टेशन परिसर को शातिर अपराधियों ने अपना आसरा बना रखा है।

इसका खुलासा कुछ दिन पहले दो मासूम सगी बहनों का अपहरण करने वाले शातिर अपहरणकर्ता दतिया निवासी विक्रम पाल की करतूत से हुआ। विक्रम पखवाड़ेभर से रेलवे स्टेशन में रहकर बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में घूमता रहा।

जीआरपी, आरपीएफ को इसकी भनक तक नहीं लगी। इतना ही नहीं वह बिना टिकट के स्टेशन के अंदर प्रवेश कर दोनों बच्चियों को ट्रेन में बैठाकर हबीबगंज स्टेशन लेकर पहुंच गया। इस बीच उसे कोई रोकने-टोकने वाला नहीं मिला।

स्टेशन के हालात यह हो गए कि शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाता है। ये यात्रियों के साथ वारदात तो करते ही हैं, रेलकर्मियों को भी दहशत में रखते हैं। रेलवे स्टेशन की सुरक्षा के लिए जीआरपी में करीब 100 का बल है।

80 सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग के लिए अलग से कंट्रोल रूम है। मॉनिटरिंग नहीं होने से आज तक पुलिस किसी अपराधी, संदिग्ध को बिना सूचना के नहीं पकड़ सकी। जनवरी से छह जुलाई के बीच 467 अपराध अकेले जीआरपी भोपाल थाने में दर्ज हुए। मतलब, हर रोज दो से अधिक अपराध दर्ज हो रहे हैं।

इन अपराधों से नहीं लिया सबक

कबाड़ के विवाद में हत्या

वर्ष 2019: जीआरपी थाने के सामने कबाड़ के विवाद में शातिर बदमाश सोनू, मोनू ने युवक राकेश गोहट की लाठी से पीट-पीटकर हत्या कर दी।

ऑटो में की हत्या

जून 2018: रेलवे स्टेशन की पार्किंग के पास अशोका गार्डन निवासी चांदनी बैरागी की ऑटो में आरोपी ने हत्या कर रेतघाट के पास लाश छोडकऱ भागा।

किशोरी से गैंगरेप

नवंबर 2017: रेलवे स्टेशन परिसर में रहने वाली जबलपुर की किशोरी के साथ गैंगरेप। गर्भवती होने पर हुआ खुलासा।

जेबकतरों का आतंक

जुलाई 2015: जेबकटी का विरोध करने पर 48 वर्षीय पेंटर पवन की जेबकटों की टोली ने चाकू व पीट-पीटकर हत्या कर दी।

चोर रास्तों से संदिग्धों का आना-जाना

स्केलेटर से चढकऱ प्रवेश।
आरपीएफ थाने के बगल से दाखिला।
रिजर्वेशन आफिस के पास से स्टेशन का खुला दरवाजा।
माल गोदाम के पास से स्टेशन में जाने की खुली छूट।
छह नंबर की तरफ से पटरी पारकर, रेलिंग चढकर स्टेशन के अंदर आना।

बैग स्केनर, डिटेक्टर डोर महज दिखावा

स्टेशन के मुख्य गेट पर बैग स्केनर, डिटेक्टर डोर लगे हैं। बैग स्केनर इत्तेफाक से ही कभी-कभार चालू मिलता है। इसके बंद रहेने से संदिग्ध सामान लेकर आने-जाने वाले पकड़ में नहीं आते। यही हालात मैटल डिटेक्टर डोर के हैं। पुलिस बल की तैनाती नहीं होने से संदिग्ध सामान लेकर आने-जाने वाले भी नहीं पकड़ में आते हैं। बीप बजने पर भी उसे कोई सुनने वाला सुरक्षाकर्मी नहीं होता।

मैंने जीआरपी थाना प्रभारी को स्टेशन परिसर में अवैध तरीके से रहने वाले संदिग्धों को हटाने के लिए निर्देश दिए हैं। जीआरपी ऐसे लोगों पर कार्रवाई करेगी। – मनीष अग्रवाल, एसपी, जीआरपी

माल गोदाम, पार्र्किंग प्रमुख अड्डे

स्टेशन का माल गोदाम, पार्किंग अधिकतर अपराधियों के ठिकाने बने हैं। इन्हीं जगहों से स्टेशन में होने वाले हर अपराध की साजिश रची जाती है। गोदाम के पास से ही बदमाश स्टेशन में प्रवेश करते हैं। इन्हें जीआरपी, आरपीएफ के संरक्षण से इनकार नहीं किया जा सकता।

प्लेटफार्म-6 में शातिर महिलाओं का अड्डा

प्लेटफार्म-6 की तरफ शातिर महिलाओं का खौफ है। देहव्यापार, चोरी, लूट, अड़ीबाजी की यह महिलाएं पूरी गैंग आपरेट करती हैं। महिलाओं की यह गैंग ब्राउन शुगर, चरस बेचने का गोरखधंधा करती हैं। देह व्यापार के सौदा के नामपर महिलाएं अड़ीबाजी करती हैं।

रात में करते हैं चोरी

स्टेशन परिसर में रेलवे ट्रैक किनारे खाली बोतल व कूड़ा बिनने वाले अधिकतर युवक-युवतियां मौका पाते ही यात्रियों के सामान में अपना हाथ साफ करते हैं। चोर रास्तों की जानकारी के कारण ये आसानी से चोरी का सामान बाहर ले जाते हैं।

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