इस ट्रेन को जर्मन तकनीकी के अनेक खूबियों वाले एलएचबी (लिंक हफमन बुश) कोचों से चलाया जाएगा। इस ट्रेन में वर्तमान में अनारक्षित कोचों की 17 बोगियों में 1224 यात्रियों के लिए बर्थ की व्यवस्था थी, जो कि अब बढ़कर 1280 हो जाएगी। नये कोचों से एसी- टू टायर के कोचों में 8 बर्थ, एसी- थ्री टायर के तीन कोचों में 24 तथा दिव्तीय श्रेणी के शयनयान कोचों में 936 बर्थ के स्थान पर 960 बर्थ की सुविधा सहित कुल 56 बर्थ की वृद्धि हो जाएगी। इससे यात्रियों को राहत मिलेगी।
एलएचबी कोच में ब्रेक का इस्तेमाल किया गया है, इसलिए ये बेहद कम दूरी में रुक जाती है। इसमें ब्रेक लगाने पर 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार में चल रही ट्रेन 1200 मीटर के अंदर रुक जाती है। एलएचबी कोच का सस्पेंशन हाइड्रोलिक होता है, इसलिए ये कम शोर करता है। साथ ही इसमें साइड सस्पेंशन भी होता जो यात्रियों को झटकों को महसूस नहीं होने देता है। इससे यात्रियों को भी ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।