वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बैग में लावारिस मिले रेड इंडियन टर्टल का केस 20 अगस्त को फारेस्ट एसटीएफ को सौंपा। एसटीएफ की दो टीमें इंवेस्टीगेशन में लग गईं। पहली नजर में इस केस में कहीं से भी कडिय़ां मिलती नजर नहीं आ रही थी। कई घंटों तक स्टेशन के सीसीटीवी की फुटेज खंगालने के बाद एसटीएफ ने दो संदेहियों को ट्रेस कर लिया। अन्य राज्यों के रेकार्ड से मिलान करने पर गिरोह की पुष्टि हो गई। घटना के दो महीने बाद 11 अक्टूबर को उत्तरप्रदेश के उन्नाव से रुकसाना को गिरफ्तार किया। पूछताछ में रुकसाना ने कई राज उगले। महिला तस्कर की निशानदेही पर ग्वालियर से रवि बाथम एवं भोपाल के जहांगीराबाद में शकील वाटर किंगडम से संचालक और तस्करी में शामिल शकील मियां को गिरफ्तार किया। तीनों तस्करों को सात दिन की रिमांड पर लिया गया। बुधवार को इन्हें कोर्ट में पेश किया गया जहां से इन्हें जेल भेज दिया गया।
अंतरराज्यीय स्तर पर तस्करी करता था गिरोह
यह गिरोह गंगा यमुना एवं चंबल नदियों के बेसिन से प्रतिबंधित प्रजाति के इंडियन टेंट टर्टल, रेड क्राउन रूफ टर्टल, इंडियन रूफ टर्टल को पकड़कर उनका बड़े पैमाने पर अवैध व्यापार करते थे। इन तस्करों के संबंध कोलकाता, चेन्नई, बैंगलुरू एवं दिल्ली के व्यापारियों से है जो इन दुर्लभ कछुओं के बेहद महंगे दामों पर बेचने के साथ विदेशों तक भेजते हैं। इस मामले में गिरोह के अंतरराष्ट्रीय स्तर तक के तारों को जोड़ा जा रहा है वहीं प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र में भी जांच जारी है जहां से जल्द कुछ गिरफ्तारियां हो सकती है।
यह गिरोह गंगा यमुना एवं चंबल नदियों के बेसिन से प्रतिबंधित प्रजाति के इंडियन टेंट टर्टल, रेड क्राउन रूफ टर्टल, इंडियन रूफ टर्टल को पकड़कर उनका बड़े पैमाने पर अवैध व्यापार करते थे। इन तस्करों के संबंध कोलकाता, चेन्नई, बैंगलुरू एवं दिल्ली के व्यापारियों से है जो इन दुर्लभ कछुओं के बेहद महंगे दामों पर बेचने के साथ विदेशों तक भेजते हैं। इस मामले में गिरोह के अंतरराष्ट्रीय स्तर तक के तारों को जोड़ा जा रहा है वहीं प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र में भी जांच जारी है जहां से जल्द कुछ गिरफ्तारियां हो सकती है।