ये हैं शताब्दी एक्सप्रेस के रोचक फैक्ट
* शताब्दी एक्सप्रेस 1988 में भारत के पहले प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य मे शुरू की गई थी।
* शताब्दी एक्सप्रेस तत्कालीन रेल मंत्री श्री माधवराव सिंधिया की सोच का नतीजा थीं।
* पहली शताब्दी एक्सप्रेस को नई दिल्ली से झांसी के बीच शुरू किया गया था, जिसे बाद में बढा़कर भोपाल तक कर दिया गया।
* अब इस गाड़ी को भोपाल शताब्दी के नाम से जाना जाता है।
* शताब्दी को कुछ परिस्थितियों मे अन्य रेलगाडिय़ों की तुलना में प्राथमिकता दी जाती है और अधिकांश समय ये ट्रेन स्टेशन के श्रेष्ठ प्लेटफार्म या प्लेटफॉर्म नंबर एक पर आती है।
* शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन भारत की सबसे तेज चलने वाली रेलगाड़ी है और इसकी औसत गति से लगभग 130 किमी/घंटा है।
* नई दिल्ली-भोपाल शताब्दी की गति नई दिल्ली और आगरा स्टेशनों के बीच लगभग 150 किमी/घंटा है, जो भारत में सबसे अधिक है।
* शताब्दी एक्सप्रेस का एक संस्करण है, जिसे स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस के नाम से जाना जाता है।
* यह गाड़ी भारतीय रेल की सबसे शानदार रेल मानी जाती है।
* भारतीय रेल ने बाद में शताब्दी एक्सप्रेस का एक बिना वातानुकूलन और कम किराए वाला संस्करण शुरू किया, जिसे जन शताब्दी के नाम से जाना जाता है।
* जब यह भारत में 1988 में शुरू की गई थी, उस समय इस ट्रेन को एक बड़ी उपलब्धि माना जाता था।